Fastag के जरिए कंपनियां इस तरह काट रहीं यात्रियों की जेब, सबसे अधिक मामले चार बैंकों से जुड़े

Fastag के जरिए यात्रियों से काटा गया पैसा कंपनियां लौटा रही हैं. कस्टमर्स की शिकायत है कि Fastag के जरिए कई बार बेवजह पैसे काटे जा रहे हैं. इन मामलों में सबसे अधिक मामले चार बैंकों से जुड़ी हैं.

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Fastag: भारत में टोल टैक्स चुकाने के लिए Fastag की सुविधा लगभग सभी टोल प्लाजा पर उपलब्ध है. इससे अब यात्रियों को न तो लंबी लाइन में लगना पड़ता है और न ही गाड़ी को देर तक रोकना होता है. लेकिन हाल के दिनों में Fastag के जरिए शुल्क काटने में गड़बड़ी की कई शिकायतें देखने को मिली हैं. जिसके बाद कंपनियों को कस्टमर्स के पैसे वापस करने पड़े. साल 2024 में, Fastag सेवाएं देने वाली कंपनियों को कस्टमर्स की शिकायतों के बाद 1.28 लाख रुपये से अधिक धनराशि वापस करनी पड़ी. कस्टमर्स की शिकायत है कि Fastag के जरिए शुल्क काटने का तरीका गलत है. इस मामले में शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं और काटी गई राशि वापस मांगी जा रही है.

सबसे अधिक मामले चार बैंकों से जुड़े

भारत में 12 कंपनियां Fastag सेवाएं देती हैं. इनमें सबसे अधिक Fastag यूजर्स IDFC First Bank के हैं. इसके बाद ICICI Bank, Yes Bank, और Axis Bank का नंबर आता है. आंकड़ों के अनुसार, धनराशि लौटाने के मामलों में सबसे अधिक मामले इन्हीं बैंकों से संबंधित हैं.

कस्टमर्स की शिकायतें

गलत शुल्क काटा गया: कस्टमर्स का कहना है कि उनकी गाड़ी घर में खड़ी थी, फिर भी हाईवे या एक्सप्रेसवे का सफर दिखाकर टोल काटा गया.

अधिक दूरी का शुल्क: कई मामलों में कस्टमर्स से ज्यादा दूरी का सफर दिखाकर पैसे काटे गए.

छूट न मिलना: नेशनल हाईवे पर 24 घंटे में आने-जाने का सफर पूरा करने पर भी लौटते वक्त शुल्क में छूट नहीं दी गई.

दोगुना चार्ज: Fastag सक्रिय होने के बावजूद, टोल प्लाजा पर Fastag वॉलेट से दोगुना चार्ज काटा गया.

शिकायत कैसे करें?

यदि आपके साथ भी टोल टैक्स के दौरान निर्धारित राशि से अधिक पैसे काटे जा रहे हैं, तो आप निम्न तरीकों से शिकायत कर सकते हैं: