टाटा मोटर्स और महिंद्रा को फोर्ड देगी टक्‍कर, भारत में बना सकती है इलेक्ट्रिक कार

फोर्ड मोटर भारत में तीन साल बाद वापसी कर रही है. कंपनी तमिलनाडु में स्थित अपने कारखाने में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की योजना बना रही है. तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक साक्षात्कार में इसकी जानकारी दी.

फोर्ड मोटर Image Credit: Rolf Vennenbernd/picture alliance via Getty Images

फोर्ड मोटर भारत में कारखाना बंद करने के बाद फिर से वापसी करने जा रही है. इसको लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. कंपनी फिर से अपना प्रोडक्शन शुरू करेगी, लेकिन उम्मीद है कि इस बार फोर्ड मोटर भारत में कुछ अलग करने वाली है. फोर्ड मोटर की वापसी से दुनियाभर में भारत में निर्मित गाड़ियों की संख्या बढ़ने वाली है और इसके अलावा लोगों के लिए रोजगार के नए मौके उपलब्ध होंगे.

इलेक्ट्रिक वाहनों का कर सकती है निर्माण

फोर्ड मोटर भारत में तीन साल बाद वापसी कर रही है. कंपनी तमिलनाडु में स्थित अपने कारखाने में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की योजना बना रही है. तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि फोर्ड ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह भारत में क्या बनाएगी, हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि यह इलेक्ट्रिक वाहन हो सकते हैं. राजा ने कहा कि अगर आप रुझान देखें तो पिछले कुछ सालों में तमिलनाडु में आने वाले निवेशक अपनी इलेक्ट्रिक वाहन परियोजनाओं के साथ आए हैं. वे जानते हैं कि यहा का इकोसिस्टम बेहतर है.

तमिलनाडु में बढ़ा कार निर्माताओं का रुझान

तमिलनाडु में पिछले कुछ सालों में कार निर्माताओं का रुझान बढ़ा है. टाटा मोटर्स से लेकर वियतनामी ऑटोमेकर विनफास्ट ऑटो लिमिटेड तक यहां कंपनियां स्थापित हो रही हैं और निर्माण में अरबों डॉलर का निवेश किया है. फोर्ड मोटर इस कड़ी में शामिल होने वाली सबसे नई कंपनी है. फोर्ड ने तमिलनाडु राज्य सरकार को ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ भेजने के बाद चेन्नई में अपने कारखाने का उपयोग निर्यात के लिए करने की योजना की घोषणा की.

भारत में बढ़ रहा ईवी का कारोबार

यह विकास दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में ईवी निर्माण को बढ़ावा देने की भारत की योजनाओं के बाद हुआ है. इस साल की शुरुआत में, भारत सरकार ने उन विदेशी कार निर्माताओं के लिए आयात करों में कमी की घोषणा की, जिन्होंने देश में $500 मिलियन का निवेश करने का आश्वासन दिया था. तमिलनाडु ने खुद को भारत में ईवी निर्माण स्थल के रूप में स्थापित किया है.