जिसे नेपोलियन-द्वितीय विश्व युद्ध नहीं झुका पाया, वह होने जा रही दिवालिया, बनाती है मर्सिडीज का पार्ट
गेरहार्डी कुन्स्टस्टॉफ़्टेक्निक जीएमबीएच की स्थापना 1796 में की गई. इस कंपनी ने नेपोलियन के आक्रमण के साथ-साथ प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दंश को भी झेला है. इसके बावजूद उसके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा और कंपनी मार्केट में पूरे दमखम के साथ टिकी रही.
जर्मनी की नामी कंपनी गेरहार्डी कुन्स्टस्टॉफ़्टेक्निक जीएमबीएच मंदी के दौर से गुजर रही है. कारोबार में लगातार हो रहे घाटे के चलते इसने दिवालियापन के लिए आवेदन किया है. इसके इस फैसले से कंपनी में काम करने वाले 1,500 कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है. ऐसे गेरहार्डी प्लास्टिक प्रोडक्ट बनाने के लिए जानी जाती है. यह कंपनी र्सिडीज सेडान की ग्रिल पर लगे प्लास्टिक स्टार भी बनाती है. खास बात यह है कि गेरहार्डी के अलावा यूरोपी की कई अन्य कंपनियां भी मंदी के दौर से गुजड़ रही हैं.
गेरहार्डी कुन्स्टस्टॉफ़्टेक्निक जीएमबीएच एक जर्मन कंपनी है, जो बेतरीन क्वालिटी के प्लास्टिक प्रोडक्ट बनाने के लिए जानी जाती है. इसके प्रोडक्ट की सप्लाई जर्मनी ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बड़ी-बड़ी कंपनियों को होती है. ऐसे गेरहार्डी कुन्स्टस्टॉफ़्टेक्निक जीएमबीएच की स्थापना 1796 में की गई. इस कंपनी ने नेपोलियन के आक्रमण के साथ-साथ प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दंश को भी झेला है. इसके बावजूद उसके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा और कंपनी मार्केट में पूरे दमखम के साथ टिकी रही. साथ ही देखते ही देखते पूरी दुनिया में छा गई. लेकिन लेकिन यूरोप की मौजूदा ऑटो मंदी ने इस प्लास्टिक निर्माता को घुटनों पर ला दिया है. बढ़ती लागत के चलते कंपनी को लगातार घाटा हो रहा है.
इस वजह से और खराब हुई स्थिति
बड़ी बात यह है कि इंजेक्शन मोल्डिंग और हॉट स्टैम्पिंग में इसकी महारत ने इसे मर्सिडीज-बेंज ग्रुप एजी के लिए ग्रिल, हैंडल और क्रोम ट्रिम्स का एक विश्वसनीय सप्लायर बना दिया. लेकिन पिछले कई महीनों से बढ़ती लागत और घटती मांग की लंबी अवधि के बाद, कंपनी ने दिवालियापन के लिए आवेदन किया. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, यूरोप की ऑटोमोटिव सप्लाई चेन में सैकड़ों छोटे मैन्युफैक्चर्स हैं. लेकिन वर्तमान में कार निर्मातओ द्वारा कमजोर बिक्री और इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलाव के कारण गेरहार्डी के बिजनेस पर भी असर पड़ा है. खास कर वोक्सवैगन एजी, स्टेलेंटिस एनवी और फोर्ड मोटर कंपनी में कटौती की योजना ने गेरहार्डी की स्थिति और भी खराब कर दी.
53,300 नौकरियों में कटौती की घोषणा
वहीं, फ्रांस की फ़ोरविया एसई ने भी बहुत से कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला है. क्योंकि इसके ऊपर भी मंदी का असर पड़ा है. ऐसे यह कंपनी स्टेलेंटिस और वोक्सवैगन के लिए कंपोनेंट्स बनाती है. लेकिन ईवी में बदलाव से ट्रांसमिशन और एग्जॉस्ट सिस्टम जैसे पारंपरिक उत्पादों की बिक्री कम हो गई है. CLEPA उद्योग लॉबी के अनुसार, ऐसे इस साल, यूरोपीय पार्ट्स निर्माताओं ने 53,300 नौकरियों में कटौती की घोषणा की है, जिनमें से अधिकांश जर्मनी में हैं. नौकरी में यह कटौती कोरोना वायरस महामारी के दौरान की तुलना में अधिक है, जब कारखाने और शोरूम महीनों तक बंद रहे थे.
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1.7 मिलियन कर्मचारियों को देते हैं नौकरी
ऑटोमोटिव आपूर्तिकर्ता यूरोपीय संघ में लगभग 1.7 मिलियन कर्मचारियों को रोजगार देते हैं और अनुसंधान और विकास पर हर साल लगभग ($31.2 बिलियन) खर्च करते हैं. इनमें जर्मनी के रॉबर्ट बॉश जीएमबीएच जैसे बड़े समूह से लेकर सैकड़ों छोटे छिपे हुए चैंपियन शामिल हैं. कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से के अनुसार, पांच में से एक ऑटो आपूर्तिकर्ता को अगले साल नुकसान होने की उम्मीद है, क्योंकि दो-तिहाई ने 2024 में 5 फीसदी या उससे कम मार्जिन की रिपोर्ट की है.
ईवी की मांग में मंदी उन कंपनियों को दबा रही है, जिन्होंने लगातार बढ़ते सेगमेंट की उम्मीद के मुताबिक उत्पादन को फिर से तैयार किया है. जर्मनी की वेबैस्टो एसई, जो कार की छतों और हीटिंग सिस्टम सहित पुर्जे बनाती है, नए उत्पादों पर भारी खर्च करने के बाद €1 बिलियन से अधिक के ऋण के संभावित पुनर्गठन का सामना कर रही है.
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कमर्चारियों की संख्या कम करेगी कंपनी
एलिक्सपार्टनर्स में ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल प्रैक्टिस के वैश्विक सह-प्रमुख एंड्रयू बर्गबाम ने कहा कि ऑटोमोटिव उद्योग दुनिया के सबसे अधिक बाधित क्षेत्रों में से एक है. निर्माता उत्पादन कम या तो बंद कर रहे हैं, जिसका आपूर्ति आधार पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है. इसी तरह दक्षिणी जर्मनी के फ्रेडरिकशफेन में, ZF फ्रेडरिकशफेन ने भी अपने जर्मन कर्मचारियों की संख्या को लगभग आधे से घटाकर 14,000 करने की योजना बनाई है.