नई EV पर 5 फीसदी GST, लेकिन सैकेंड हैंड ईवी पर इन लोगों को देना पड़ेगा 18 फीसदी का टैक्स
GST Council की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अब पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले 12 फीसदी था. हालांकि, नई इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी की दर 5 फीसदी ही रहेगी. आम लोगों पर इसका असर कैसे पड़ेगा, चलिए आपको ये यहां समझाते हैं.
राजस्थान के जैसलमेर में हुई GST Council की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन यानी EV को लेकर कई अहम फैसले हुए हैं. 21 दिसंबर 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पुरानी और इस्तेमाल की गई गाड़ियों, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं पर GST की दर को बढ़ा दिया गया है. हालांकि ये जीएसटी हर किसी पर लागू नहीं होगा. यहां हम आपको इस पर लिए गए पूरे फैसले को समझाते हैं.
पहले तो ये समझ लीजिए कि नई ईवी खरीदने पर 5 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है. लेकिन पुरानी ईवी अगर आम व्यक्ति किसी और को बेचता है तो उस पर कोई जीएसटी नहीं वसूला जाता. हालांकि अगर इसी पुरानी ईवी को कोई कार डीलर या कंपनी खरीदती है और उसमें मॉडिफिकेशन करके उसको फिर से बेचती है तो उस पर 12 फीसदी की जगह अब 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा.
कौन होगा प्रभावित?
18 फीसदी की नई जीएसटी दर सभी प्रकार की पुरानी गाड़ियों पर लागू होगी, चाहे वह पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड, या इलेक्ट्रिक वाहन (EV) हों.
पहले पुराने EVs पर 12% GST लगता था, जबकि नए EVs पर केवल 5% GST ही लगाया जाता है. अब किसी कंपनी से पुरानी ईवी खरीदने वालों के लिए कीमतें और बढ़ जाएंगी, जिससे यह ऑप्शन कई लोगों के लिए कम किफायती हो सकता है.
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
पुरानी ईवी अगर आप किसी कार डीलर या कंपनी से खरीदते हैं तो आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. लेकिन अगर आप पुरानी ईवी किसी कंपनी या कार डीलर से ना खरीदते हुए आम व्यक्ति से खरीदते हैं तो इसकी खरीदी या बिक्री पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.
डीलरों पर पड़ेगा असर?
हां, पुरानी गाड़ी फिर चाहे वह ईवी हो या कोई और, डीलर के लिए यह फैसला चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. पहले से ही रिपेयर और मेंटेनेंस पर 18% GST लागू है. अब गाड़ियों की बिक्री पर भी बढ़ी हुई दर से टैक्स देना होगा.
कुल मिलाकर बात यही है कि पुरानी गाड़ी खरीदने पर जीएसटी 18 फीसदी की दर से चुकाना होगा. हालांकि नई ईवी खरीदने पर केवल 5 फीसदी जीएसटी देना होगा.