कैसे चेक करें अपनी कार का इंजन ऑयल लेवल? जानें- कब खराब होने का होता है खतरा
How to Check Engine oil: कुछ कारें बहुत कम इंजन ऑयल की खपत करती हैं, वहीं अन्य को नियमित रूप से टॉप अप की आवश्यकता होती है. इसलिए ऑयल बदलने के बीच अक्सर इसके लेवल को चेक करना जरूरी होता है. आप आसानी से ये काम खुद कर सकते हैं.

How to Check Engine oil: किसी भी व्हीकल यानी कार और अन्य गाड़ियों का इंजन दो तरह के ऑयल से दौड़ता है. पहला पेट्रोल-डीजल और सीएनजी जैसे फ्यूल होते हैं, जिसके पावर से गाड़ियों का इंजन चलता है. दूसरा होता है इंजन ऑयल. इंजन ऑयल को आम बोलचाल की भाषा में मोबिल भी कहा जाता है. इस ऑयल का काम सिर्फ इंजन को दुरुस्त रखना है. अगर इसे बेहद आम भाषा और साधारण उदाहरण से समझें, तो मोबिल इंजन का एक तरह से खून होता है. सभी वाहन के इंजन को ऑयल की जरूरत होती है. कुछ कारें बहुत कम इंजन ऑयल की खपत करती हैं, वहीं अन्य को नियमित रूप से टॉप अप की आवश्यकता होती है. इसलिए ऑयल बदलने के बीच अक्सर इसके लेवल को चेक करना जरूरी होता है. क्योंकि कम ऑयल लेवल पर गाड़ी चलाने से इंजन पर अधिक प्रेशर पड़ता है, जिससे इंजन की सेहत खराब हो सकती है.
मैन्युअल रूप से चेक करें इंजन ऑयल लेवल
कुछ मॉडर्न कारों में इलेक्ट्रॉनिक ऑयल सेंसर होता है जो आपको चेतावनी देता है कि आपका इंजन ऑयल मिनिमम सेफ लेवल के करीब पहुंच रहा है. लेकिन यह फीचर आपकी कार में हो या न हो, नियमित रूप से अपने इंजन ऑयल के लेवल को मैन्युअल रूप से चेक करते रहना चाहिए. कई बार सेंसर और डैश लाइट दोनों खराब भी हो सकते हैं.
कार के इंजन ऑयल के लेवल को कैसे चेक कर सकते हैं
- साफ कपड़ा या पेपर टॉवल लें.
- कार को समतल सतह पर खड़ी करें.
- डिस्पोजेबल ग्लव्स पहने.
सबसे पहले अपनी कार को समतल जमीन पर पार्क करें, फिर कम से कम 10 मिनट तक वेट करें ताकि तेल वापस संप में चला जाए. फिर बोनट को ऊपर उठाएं और सुरक्षित करें, फिर ऑयल लेवल डिपस्टिक का पता लगाएं, जिसे देखना और उस तक पहुंचना आमतौर पर काफी आसान होता है.
कैसे पता करें सही लेवल
डिपस्टिक को बाहर निकालें और सिरे को साफ करने के लिए साफ कपड़े या कागज का का इस्तेमाल करें. फिर इसे वापस लगाएं. यह सुनिश्चित करें कि यह पूरी तरह से अंदर चला जाए. फिर इसे तुरंत बाहर निकालें और हॉरिजॉन्टल पोजीशन में रखें. डिपस्टिक के आखिरी छोर के पास दो लाइन होनी चाहिए. स्टैडर्ड रूप से ऑयल लेवल सबसे हाई लाइन के पास होना चाहिए. हालांकि, नीचे की लाइन से ऊपर का लेवल ठीक माना जाता है.

अगर इंजन ऑयल का मिनिमम लेवल निशान के करीब या उससे नीचे है, तो आपको निश्चित रूप से तुरंत इसे टॉप-अप कराएं. अगर ऑयल का लेवल दोनों लाइनों के बीच में है, तो इंजन को अधिक सेफ्टी देने के लिए आप टॉप-अप करा सकते हैं. साथ ही ऑयल भरते समय इंजन को ज्यादा न भरें.
कितनी तरह के होते हैं इंजन ऑयल?
आम तौर पर इंजन ऑयल के 4 तरह के होते हैं. कन्वेंशनल, सिंथेटिक मिक्स, फुल सिंथेटिक और हाई-माइलेज ऑयल.
कन्वेंशनल ऑयल: यह सबसे बेसिक ऑयल होता है, जो प्रेसेस्ड क्रूड ऑयल और एडिटिव्स से बनता है.
सिंथेटिक ब्लेंड ऑयल: यह ऑयल सिंथेटिक और कन्वेंशनल ऑयल का मिक्स होता है, जो परफॉर्मेंस और अफोर्डेबिलिटी को बैलेंस प्रदान करता है.
फुल सिंथेटिक तेल: इस ऑयल को खास तौर से एक्सट्रीम स्थिति में बेहतर प्रदर्शन और सेफ्टी के लिए केमिकल रूप से तैयार किया जाता है.
हाई माइलेज ऑयल: पुराने इंजनों की सुरक्षा करने और तेल रिसाव जैसी सामान्य समस्याओं को दूर करने में यह ऑयल मददगार होता है. इसे एडिटिव्स के साथ तैयार किया जाता है.
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