सेफ हार्बर नियमों में बदलाव से EV इंडस्ट्री को बड़ा तोहफा, बैटरियों पर मिलेगी टैक्स छूट
सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है जिससे EV इंडस्ट्री को जबरदस्त फायदा होने वाला है. खासतौर पर बैटरी कंपनियों को राहत मिलेगी. नए नियम क्या हैं और इससे बिजनेस पर क्या असर पड़ेगा? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने आयकर नियमों में अहम बदलाव किए हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने मंगलवार, 25 मार्च को आयकर नियम, 1962 में संशोधन को अधिसूचित किया, जिससे सेफ हार्बर (Safe Harbour) नियमों का दायरा बढ़ाया गया है. इन बदलावों से खासतौर पर ईवी और ईवी बैटरी निर्माताओं को टैक्स फायदा मिलेगा.
CBDT की अधिसूचना के मुताबिक, सेफ हार्बर नियमों के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाने की अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपये कर दी गई है. इसके अलावा, अब लिथियम-आयन बैटरियों को भी प्रमुख ऑटो कंपोनेंट की कैटेगरी में शामिल किया गया है. इसका मतलब यह है कि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों को भी अब कर लाभ मिलेगा. सरकार ने इन संशोधनों को वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए लागू किया है जिससे कंपनियों को टैक्स मामलों में अधिक स्पष्टता और स्थिरता मिलेगी.
क्या होता है सेफ हार्बर लॉ?
मान लीजिए, एक कंपनी भारत में काम कर रही है और इसकी एक शाखा विदेश में भी है. ये दोनों शाखाएं एक-दूसरे से माल या सेवाएं लेन-देन कर रही हैं. अब, सरकार यह देखना होता है कि कंपनी सही दाम (ट्रांसफर प्राइसिंग) पर ये लेन-देन कर रही है या नहीं, क्योंकि कुछ कंपनियां टैक्स बचाने के लिए कीमतें कम-ज्यादा दिखा सकती हैं.
सरकार कुछ खास नियम बनाती है, जिससे अगर कंपनियां उन नियमों का पालन करें, तो टैक्स विभाग उनके लेन-देन की गहराई से जांच नहीं करेगा और उन्हें सरकार के लंबी-चौड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा. यानी अगर कंपनी सरकार के तय दायरे में रहकर ट्रांसफर प्राइसिंग करती है, तो उसे टैक्स विवादों और जटिल जांचों से बचाव मिल जाता है.
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नए बदलाव के तहत कैसे मिलेगा फायदा
- बड़ी कंपनियों को टैक्स नियमों में ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी और कानूनी झंझट कम होंगे.
- ईवी बैटरी कंपनियों को टैक्स छूट मिलेगी, जिससे ईवी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा.
- टैक्स विवाद और मुकदमे कम होंगे, जिससे कारोबार करना आसान होगा.
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