अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर टैक्स घटाने की तैयारी, भारतीय इंडस्ट्री के लिए खुशखबरी?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते को लेकर बड़ी हलचल तेज हो गई है. सरकार एक अहम फैसले पर विचार कर रही है जिससे ऑटो सेक्टर में बड़ा बदलाव आ सकता है. इस फैसले से कौन होगा फायदा और किसे होगा नुकसान?

ऑटो सेक्टर Image Credit: @tv9

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है. भारत सरकार अमेरिकी ऑटो पार्ट्स के आयात पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को कम करने या पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर रही है. वर्तमान में इन पर 10 फीसदी से 15 फीसदी तक कस्टम ड्यूटी लगती है, जिसका औसत 11 फीसदी है. सरकार का मानना है कि अमेरिकी ऑटो पार्ट्स की ऊंची लागत के कारण यह भारतीय बाजार में घरेलू उद्योग को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे भले ही इन पर शुल्क हटा दिया जाए.

व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत तेज

हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर चर्चा हुई, जिसमें ऑटोमोबाइल के बजाय ऑटो पार्ट्स पर अधिक ध्यान दिया गया. इंकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों ने कहा, भारत उन उत्पादों पर भी शुल्क कटौती पर विचार कर रहा है जिनका वह अमेरिका से अधिक मात्रा में आयात नहीं करता है. यह कदम अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के मकसद से उठाया जा रहा है.

भारत हर साल अमेरिका को लगभग 7 बिलियन डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स का निर्यात करता है, जो कुल निर्यात का एक तिहाई हिस्सा है. वहीं, भारत अमेरिका से 1.5 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स का आयात करता है. ऐसे में अगर भारत आयात शुल्क में कटौती करता है तो यह व्यापारिक संबंधों को और संतुलित कर सकता है.

अमेरिकी टैरिफ योजना और भारत की रणनीति

भारत सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 25 फीसदी ऑटो और ऑटो पार्ट्स आयात टैरिफ योजना के प्रभाव का मूल्यांकन कर रही है. इस मुद्दे पर दोनों देशों के अधिकारी पिछले सप्ताह नई दिल्ली में मिले थे, जहां व्यापार समझौते को लेकर आगे की रणनीति पर सहमति बनी. इसके तहत आगामी हफ्तों में वर्चुअल बैठकों का दौर शुरू होगा और पहला चरण 2025 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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भारतीय ऑटो पार्ट्स उद्योग की मौजूदा स्थिति

ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) के अनुसार, भारत का ऑटो कंपोनेंट उद्योग 2023-24 में 9.8 फीसदी बढ़कर 74.1 बिलियन डॉलर का हो गया है. इसमें घरेलू आपूर्ति 62.4 बिलियन डॉलर रही, जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर का योगदान 6 फीसदी रहा. रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर शुल्क हटा भी दिया जाए तो भी भारतीय उद्योग प्रतिस्पर्धा में मजबूत बना रहेगा.