ऑटो बाजार को लगा झटका! टू-व्हीलर, कार, ट्रैक्टर सबकी सेल्स घटी; क्यों शोरूम से दूर हैं खरीदार?

फरवरी में ऑटोमोबाइल बाजार में सुस्ती देखी गई, जिससे कार, बाइक और ट्रैक्टर की बिक्री प्रभावित हुई. उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, ग्राहकों की घटती रुचि और बाजार की अनिश्चितता इसके पीछे की बड़ी वजहें हो सकती हैं. आर्टिकल में पढ़ें कि क्या माहौल सुधरने की संभावना क्या है.

गाड़ियों की बिक्री में गिरावट Image Credit: Anton Petrus/Moment/Getty Images

देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को फरवरी में झटका लगा है. यात्री वाहनों से लेकर टू-व्हीलर्स तक, सभी कैटेगरीज में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के मुताबिक, फरवरी में कुल ऑटोमोबाइल रिटेल सेल्स 7 फीसदी घटकर 18,99,196 यूनिट्स रह गई जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 20,46,328 यूनिट्स था.

कौन सा सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित

फरवरी में यात्री वाहनों (Passenger Vehicles) की बिक्री 10 फीसदी गिरकर 3,03,398 यूनिट्स रह गई. डीलर्स ने इसके लिए इन्वेंटरी असंतुलन, एग्रेसिव प्राइस एडजेस्टमेंट और कमजोर उपभोक्ता मांग को जिम्मेदार बताया है. शहरी इलाकों में यह गिरावट अधिक देखी गई, जबकि ग्रामीण बाजारों में अपेक्षाकृत कम गिरावट आई.

टू-व्हीलर सेल्स भी पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी घटकर 13,53,280 यूनिट्स रह गई. उपभोक्ताओं की कम रुचि, सीमित फाइनेंस विकल्प और बाजार में बढ़ती अनिश्चितता इसकी प्रमुख वजह बताई जा रही है. कमर्शियल वाहनों की बिक्री 9 फीसदी घटकर 82,763 यूनिट्स रह गई, जबकि ट्रैक्टर बिक्री में 14.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. डीलर्स ने इसे फाइनेंसिंग नीतियों में सख्ती, महंगाई और कमजोर ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जोड़कर देखा है.

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मार्च के लिए उम्मीदें

FADA के अनुसार, मार्च में बिक्री में सुधार की उम्मीद है क्योंकि होली, गुड़ी पड़वा और नवरात्रि जैसे त्योहारों के वजह से खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ सकती है. साथ ही, वित्तीय वर्ष के आखिर में डिप्रिशिएशन बेनेफिट्स भी ग्राहकों को खरीदारी के लिए प्रेरित कर सकते हैं. हालांकि, लगातार पांच महीनों से गिरते शेयर बाजार और घटती उपभोक्ता रुचि से सेक्टर पर दबाव बना हुआ है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की नजर अब मार्च की बिक्री पर टिकी है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि बाजार कब तक पटरी पर लौटेगा.