नए तेवर में दिखेगी Tata की जगुआर, लॉन्च किया नया Logo
जगुआर ने नया लोगो लॉन्च कर दिया है, जो आने वाले नए मॉडलों में देखने को मिलेगा.जगुआर का नया लोगो एक गोले के आकार में है, जिसमें दो जगह कट लगाए गए हैं.रतन टाटा ने 2008 में ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया.टाटा के नेतृत्व में इसने कई सफलताएं हासिल कीं.
कार इंडस्ट्री में जगुआर की एक अलग ही पहचान है. ब्रिटिश कार निर्माता कंपनी 1935 से ही अलग-अलग तरह की कारें बनाती आ रही है. अब कंपनी की नजर 2026 से सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर है. इसी दिशा में कंपनी ने एक बड़ा कदम उठाया है और ब्रांड की पहचान को नए तरीके से स्थापित करने की कोशिश की है. जगुआर ने नया लोगो लॉन्च कर दिया है, जो आने वाले नए मॉडलों में देखने को मिलेगा.
कैसा है नया लोगो
जगुआर का नया लोगो एक गोले के आकार में है, जिसमें दो जगह कट लगाए गए हैं. इसमें नया आर्टिस्टिक मार्क भी है, जिसमें नए फॉन्ट के ‘j’ और ‘r’ अक्षर एक सर्कल में रखे गए हैं. खास बात यह है कि ‘j’ अक्षर को उल्टा करने पर यह ‘r’ के समान दिखाई देता है. मतलब, आप इसे किसी भी दिशा से देखें, यह ‘j’ और ‘r’ हर तरफ से स्पष्ट दिखेगा.
2008 में टाटा ने किया अधिग्रहण
रतन टाटा ने 2008 में ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया. यह डील न केवल भारतीय कार इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की कॉर्पोरेट ताकत को भी दर्शाती है. इस डील के कारण टाटा मोटर्स ने घरेलू प्रतिद्वंद्वी महिंद्रा एंड महिंद्रा को पछाड़ दिया. रतन टाटा के लिए यह डील व्यापारिक जीत से अधिक व्यक्तिगत संतोष का कारण थी, क्योंकि इससे पहले फोर्ड द्वारा किए गए व्यवहार का हिसाब बराबर हो गया.
टाटा ने किया कायापलट
रतन टाटा के लिए यह सौदा रणनीतिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण था. हालांकि, उस समय जगुआर संघर्ष के दौर से गुजर रहा था, लेकिन यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध लक्जरी और स्पोर्ट्स कार ब्रांडों में से एक था. टाटा के नेतृत्व में इसने कई सफलताएं हासिल कीं. 2011 तक जगुआर लैंड रोवर की बिक्री 9.87 बिलियन यूरो तक बढ़ गई, और 2018 तक यह दोगुनी से अधिक बढ़कर 25 बिलियन यूरो से अधिक हो गई. वित्तीय वर्ष 2024 में, जगुआर लैंड रोवर ने 400,000 से अधिक गाड़ियां बेचने की सूचना दी, जो इसकी सफलता को दर्शाती है.