LML और Bajaj Chetak के बीच फिर सड़कों पर दिखेगी लड़ाई, इलेक्ट्रिक स्कूटर ने 40 साल पुराना जमाना याद दिलाया
LML जल्द ही अपना ईलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने वाली है. अब जब कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर के जरिए वापसी कर रही है, तो इसके पुराने प्रतिद्वंद्वी बजाज चेतक से मुकाबला होने की संभावना सबसे ज्यादा है. 1990 के दशक में LML ने भारतीय दोपहिया वाहन मार्केट में बढ़त हासिल की थी और बजाज चेतक जैसे कई स्कूटरों को पीछे छोड़ दिया था. इन दोनों कंपनियों के बीच मुकाबला पुराना है, और इनका इतिहास भी बेहद रोमांचक रहा है.
कभी भारतीय टू-व्हीलर मार्केट में जलवा रखने वाली कंपनी एलएमएल फिर से अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ वापसी करने वाली है. इस वापसी से हाल ही में लॉन्च हुई ईलेक्ट्रिक बजाज चेतक के साथ इसका मुकाबला होने वाला है. इसका मुकाबला सिर्फ बजाज चेतक से ही नहीं बल्कि कई ईवी स्कूटर से भी होगा. लेकिन बजाज चेतक और एलएमएल के रिश्ते हमेशा से खट्टे-मीठे रहे हैं, और सड़कों पर कब्जा करने की लड़ाई दशकों पुरानी है.
कभी वेस्पा चलाते थे राहुल बजाज
1950 के दशक में राहुल बजाज दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से बीए (अर्थशास्त्र) कर रहे थे. उस समय वे वेस्पा चलाते थे, जो Piaggio द्वारा निर्मित एक इतालवी स्कूटर था. यह स्कूटर अमेरिका और यूरोप में लोकप्रिय था और भारत में कुछ लाइसेंसधारियों द्वारा असेंबल कर बेचा जा रहा था. 1972 में, जब कमलनयन बजाज का निधन हुआ, तो 34 साल की उम्र में राहुल बजाज के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां आईं.
उसी साल उन्होंने बजाज चेतक सहित तीन नए प्रोडक्ट लॉन्च किए. बाद में बजाज चेतक ने बजाज ऑटो को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई.
वेस्पा असेंबल के लिए करार
बजाज समूह पहली भारतीय कंपनी थी जिसने वेस्पा को असेंबल करने के लिए Piaggio के साथ करार किया था. अपनी स्कूटर बनाने की क्षमता और बुनियादी ढांचे के साथ बजाज ऑटो ने उनका प्रोडक्शन जारी रखा और जल्दी-जल्दी तीन मॉडल- बजाज चेतक, बजाज 150 और बजाज सुपर लॉन्च किए. इनका डिजाइन Piaggio के वेस्पा स्कूटर पर आधारित था. तीनों में से चेतक ने सबसे बड़ी सफलता हासिल की, और खरीदारों को इसे पाने के लिए सालों तक इंतजार करना पड़ता था.
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कैसे टूटा रिश्ता और फिर LML की एंट्री
1977 से 1979 के बीच बजाज ऑटो ने एग्रेसिव विज्ञापन चलाए, जिससे इसकी लोकप्रियता अमेरिका और यूरोप में भी बढ़ी. उन्होंने स्कूटरों का निर्यात शुरू किया, और 1981 में स्कूटरों के निर्यात से 13.2 करोड़ रुपये कमाए. इसी दौरान बजाज ने टाइम पत्रिका में अपने विज्ञापन अभियान में खुद को “दुनिया के दो सबसे बड़े स्कूटर निर्माताओं में से एक” बताया. इस फैसले से नाराज होकर Piaggio ने बजाज पर “वेस्पा के डिजाइन का दुरुपयोग” करने और 1971 में कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद भी वाहन का मैन्यूफेक्चरिंग और सेल जारी रखने का आरोप लगाया.
बजाज ने लॉ फर्म बेकर-मैकेंज़ी को काम पर रखा और तर्क दिया कि कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद भी डिजाइन का इस्तेमाल करने का अधिकार है. कुछ साल बाद, भारत सरकार ने दोपहिया वाहन उद्योग में विदेशी निवेश की बाधाओं में ढील दी. पियाजियो ने भारत में वापसी करते हुए LML (लोहिया मशीनरी) और आंध्र प्रदेश स्कूटर्स के साथ साझेदारी की.
बजाज को दिया था कड़ा टक्कर
1990 के दशक में LML ने बजाज को जोरदार टक्कर दी थी. LML ने 1980 के दशक में पियाजियो के साथ मिलकर LML Vespa लॉन्च किया था. हालांकि यह साझेदारी ज्यादा समय तक नहीं टिकी और 1999 के आसपास पियाजियो के साथ रिश्ते खत्म हो गए. धीरे-धीरे LML दिवालिया हो गई.
अब, जब एलएमएल अपना इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने वाली है और बजाज ने इलेक्ट्रिक चेतक पहले ही मार्केट में उतार दिया है, तो यह सालों पुरानी राइवलरी एक बार फिर देखने को मिलेगी.