हिन्दू-मुस्लिम जोड़ी से शुरू हुई थी महिंद्रा ग्रुप, जानें आनंद महिंद्रा का फाउंडर से क्या है रिश्ता
आज महिंद्रा एंड महिंद्रा भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों में शामिल है. हाल ही में इसने दो नई इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च की हैं. कंपनी का कारोबार 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है. हालांकि, इसकी शुरुआत ऑटो सेक्टर से नहीं हुई थी, बल्कि यह कंपनी आजादी से पहले ही स्थापित हो चुकी थी.
Anand mahindra: आनंद महिंद्रा देश की जानी-मानी हस्तियों में से एक हैं, और उनकी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनियों में शामिल है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कंपनी की स्थापना आजादी से पहले ही हो चुकी थी?1945 में केसी महिंद्रा, जेसी महिंद्रा और गुलाम मोहम्मद ने मिलकर महिंद्रा एंड मोहम्मद (M&M) नाम से इस कंपनी की शुरुआत की थी. हालांकि, देश के विभाजन के बाद गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए और वहां के पहले वित्त मंत्री बने. आज जिस रूप में हम इस कंपनी को देखते हैं, उसकी नींव आनंद महिंद्रा के दादा कैलाश चंद्र महिंद्रा ने रखी थी. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि शुरुआत में यह कंपनी गाड़ियां नहीं बनाती थी.
स्टील कंपनी के रूप में हुई थी शुरुआत
महिंद्रा एंड महिंद्रा का गुलाम मोहम्मद से गहरा नाता रहा है. यह वही गुलाम मोहम्मद हैं जो आजादी के बाद पाकिस्तान चले गए थे और वहां के पहले वित्त मंत्री बने. उन्होंने अलीगढ़ से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी. महिंद्रा एंड महिंद्रा की स्थापना 2 अक्टूबर 1945 को पंजाब के लुधियाना में हुई थी.
शुरुआत में, इस कंपनी में तीन पार्टनर थे—केसी महिंद्रा, जेसी महिंद्रा और गुलाम मोहम्मद. हालांकि, गुलाम मोहम्मद की कंपनी में कम हिस्सेदारी थी, लेकिन फिर भी उनका नाम कंपनी में शामिल किया गया. उस समय कंपनी का नाम महिंद्रा एंड मोहम्मद था और यह स्टील के कारोबार में शामिल थी.
महिंद्रा एंड मोहम्मद से बना महिंद्रा एंड महिंद्रा
जब देश आज़ाद हुआ, तो गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए. इसके बाद महिंद्रा भाइयों ने इस कंपनी को आगे बढ़ाने का फैसला किया. हालांकि, कंपनी का नाम अंग्रेज़ी में पहले जैसा ही रहा यानी M&M, लेकिन इसे महिंद्रा एंड महिंद्रा कर दिया गया.
नाम बदलने के पीछे एक दिलचस्प कारण था. दरअसल, पहले ही M&M के नाम से काफी स्टेशनरी छपवाई जा चुकी थी. यदि नाम बदला जाता, तो कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ता. इसलिए महिंद्रा भाइयों ने नाम को M&M (महिंद्रा एंड महिंद्रा) ही रहने दिया और बाद में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कदम रखा.
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कैसे हुई ऑटोमोबाइल सेक्टर में शुरुआत
महिंद्रा ने सबसे पहले जीप बनाई थी. इस आइडिया के पीछे केसी महिंद्रा थे. जब वे अमेरिका में नौकरी कर रहे थे, तभी उन्होंने इस तरह की गाड़ियों को सपना देखा और भारत में इसे लाने का फैसला किया. इसके बाद कंपनी ने ट्रैक्टर और कमर्शियल गाड़ियां बनाना शुरू किया. आज महिंद्रा की कई गाड़ियां देश और दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी हैं. हाल ही में कंपनी ने दो इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च की हैं, जो EV मार्केट में काफी लोकप्रिय हो रही हैं.
कितना बड़ा है कारोबार
महिंद्रा भारत की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है. यह एयरोस्पेस, कृषि, रियल एस्टेट, रिटेल, रक्षा, ऊर्जा, कृषि उपकरण, वित्त और बीमा, औद्योगिक उपकरण, सूचना प्रौद्योगिकी और हॉस्पिटैलिटी जैसे कई सेक्टर्स में काम करती है. यह ग्रुप 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है और इसकी कुल 137 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा हैं, जो करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. फोर्ब्स के मुताबिक, आनंद महिंद्रा की कुल संपत्ति 2.4 अरब डॉलर है.