कार सेल्स का डाटा देख टेंशन में आए मारुति सुजुकी के चेयरमैन, चिंता जताते हुई कही ये बड़ी बात

देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी मारुति सुजुकी के चेयरमैन इन दिनों तनाव में हैं. तनाव का कारण कारों की बिक्री के आंकड़ों से जुड़ा है. एक तरफ जहां ऑटो सेक्टर में कंपटीशन लगातार बढ़ रहा, वहीं मारुति जिस सेगमेंट में सबसे ज्यादा कार बेचती है, वह सेगमेंट लगातार सिकुड़ रहा है.

मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव Image Credit: TV9 Bharatvarsh

मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के शेयर प्राइस में मंगलवार को जोरदार गिरावट देखी गई. 4.16% की गिरावट के साथ एमएसआई का शेयर सेंसेक्स का टॉप लूजर रहा. त्योहारी मौसम में जहां मारुति अक्सर फर्राटे भरती रही है, इस साल पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर के भाव में 16% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.

इन परिस्थितियों के बीच कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने मंगलवार को कहा कि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री घटना चिंता का विषय है. असल में मारुति की सबसे ज्यादातर कारें इसी प्राइस टैग से नीच हैं. एक समय में देश में कुल कारों की बिक्री में इस बजट की कारों की हिस्सेदारी 80 फीसदी होती थी, लेकिन अब यह लगातार घट रही है.

इस ट्रैंड पर चिंता जताते हुए भार्गव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लोगों की आय बढ़ गई है और वे महंगी कारें खरीदने लगे हैं. बल्कि, इसका कारण लोगों के पास खर्च योग्य आय का कम होना है. भार्गव ने कहा, इस सेगमेंट में बिक्री में कमी की वजह से ही ऑटो सेक्टर के सेल्स फिगर गड़बड़ हो रहे हैं. इस सेगमेंट में सेल्स बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि आम लोगों के पास खर्च योग्य आय बढ़े.

त्योहारी सीजन में कंपनी के प्रदर्शन को लेकर उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान कुल रिटेल सेल्स में 14 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है. इससे पहले कंपनी के तिमाही नतीजों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपये से कम दाम वाली कारों का बाजार नहीं बढ़ रहा है. यह हमारे लिए चिंता की बात है, क्योंकि जब तक इस सेगमेंट में वृद्धि नहीं होती, हमारी सेल्स पर असर होगा.

क्या कहते हैं आंकड़े

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक बाजार में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 80 फीसदी थी. अब यह हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी कम रह गई है.