Nissan की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी Renault, जॉइंट वेंचर का मिलेगा पूरा कंट्रोल, EV प्लान हुआ कैंसल
Renault अब रेनो और निसान के जॉइंट वेंचर RNAIPL का पूरा कंट्रोल लेने जा रहा है, जिससे उसकी भारत में स्थिति मजबूत होगी. Nissan और रेनो की साझेदारी में भी बदलाव हो रहा है, जिससे दोनों कंपनियों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की अधिक आजादी मिलेगी. 31 मार्च को रेनो ने वेंचर की बची हुई 51 फीसदी हिस्सेदारी लेने की घोषणा की थी.
Renault to acquire Nissan’s Stake: फ्रांस की ऑटोमोबाइल कंपनी Renault Group ने 31 मार्च को घोषणा की कि वह रेनो निसान ऑटोमेटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (RNAIPL) में बची हुई 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेनो और निसान के जॉइंट वेंचर में रेनो ये स्टेक खरीदेगी. ये हस्सेदारी अभी जापानी कंपनी Nissan के पास है. इस हिस्सेदारी को खरीदने के बाद रेनो के पास इस वेंचर कंपनी का पूरा कंट्रोल आ जाएगा जिससे भारत के ऑटो सेक्टर में इसकी स्थिति मजबूत हो सकती है.
रेनो और निसान का जॉइंट वेंचर
जॉइंट वेंचर RNAIPL की शुरुआत 2010 में हुई थी और इसका मुख्यालय चेन्नई में है. शुरुआत में रेनो की इसमें 30% हिस्सेदारी थी और निसान के पास 70% हिस्सेदारी थी. 2023 में, निसान की हिस्सेदारी 70% से घटकर 51% रह गई क्योंकि उसने भारत में 60 करोड़ डॉलर का निवेश कर 6 नई कारों के निर्माण का फैसला किया था.
अब रेनो बाकी की 51% हिस्सेदारी खरीदकर इस कंपनी का पूरा मालिक बन जाएगा. यह सौदा 2025 की पहली छमाही तक पूरा होने की उम्मीद है.
रेनो-निसान की बदलेगी पार्टनरशिप
रेनो और निसान ने अपने पुरानी पार्टनरर्शिप समझौते में बदलाव करने का फैसला किया है. पहले रेनो और निसान के बीच 15% क्रॉस-होल्डिंग थी, लेकिन अब इसे घटाकर 10% कर दिया जाएगा. रेनो के सीईओ लुका डी मेओ ने कहा कि, “रेनो ग्रुप, निसान का पुराना साझेदार और मुख्य शेयरधारक होने के नाते, निसान की परफॉर्मेंस को जल्द से जल्द बेहतर होते देखना चाहता है.”
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EV बिजनेस में भी बदलाव
निसान अब रेनो की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) यूनिट Ampere में निवेश नहीं करेगा. पहले निसान ने 60 करोड़ यूरो Ampere EV प्रोजेक्ट में लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे रोक दिया गया है.