रोड एक्सीडेंट में मिलेगा ‘कैशलेस इलाज’, सरकार उठाएगी खर्च; गडकरी ने किया ऐलान
साल 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.8 लाख लोगों की मौत हुई. इनमें से 30,000 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण हुई. वहीं, गंभीर दुर्घटनाओं के 66 फीसदी पीड़ित 18-34 साल की उम्र के थे. ऐसे देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है.
अब सड़क दुर्घटना का शिकार होने पर इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी. इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 7 जनवरी को एक नई योजना की घोषणा की है. पीड़ित या उसके परिवार को दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस को जानकारी देनी होगी. इसके बाद योजना के तहत पीड़ित को 7 दिनों के उपचार का खर्च या अधिकतम 1.5 लाख रुपये तत्काल दिए जाएंगे. इसके तहत सड़क दुर्घटना पीड़ित को कैशलेस उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. वहीं, हिट-एंड-रन मामले में मौत होने पर, मृतक के परिवार को तुरंत 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
नई दिल्ली के भारत मंडपम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कुछ राज्यों में इस कैशलेस परियोजना का संचालन किया है. हमें इस योजना में कुछ कमजोरियां नजर आईं. हम उनमें सुधार कर रहे हैं और यह निश्चित रूप से फायदेमंद होगा. दरअसल, गडकरी कई राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक के बाद बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क सुरक्षा है.
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रोड एक्सीडेंट में मौतें
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.8 लाख लोगों की मौत हुई. इनमें से 30,000 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण हुई. वहीं, गंभीर दुर्घटनाओं के 66 फीसदी पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के थे. गडकरी ने कहा कि हमारे स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश और निकास की अच्छी व्यवस्था नहीं है. इसके चलते सड़क दुर्घटना में 10,000 बच्चों की मौत हो गई है. जबिक बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले लोगों की वजह से दुर्घटनाओं में लगभग 3,000 मौतें हुई हैं.
22 लाख ड्राइवरों की कमी
उन्होंने कहा कि हमारे देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है. हमने इस पर एक नई नीति भी बनाई है. गडकरी ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बारे में भी नई जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्क्रैपिंग के कारण हमारा ऑटोमोबाइल सेक्टर काफ़ी तेज़ी से बढ़ेगा. ऐसा इसलिए है, क्योंकि एल्युमिनियम, कॉपर, स्टील और प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जाता है. उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी का स्क्रैपिंग सेंटर इनमें से कुछ पार्ट्स जापान को निर्यात कर रहा है. बिटुमेन में टायर पाउडर मिलाया जा रहा है. इसलिए यह एक सर्कुलर इकोनॉमी बन जाएगी.
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दुनिया का तीसरा देश बना भारत
नितिन गडकरी ने कहा कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से देश में ज़्यादा रोज़गार पैदा होंगे. केंद्र और राज्य सरकारें इसके ज़रिए कुल मिलाकर 18,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जीएसटी कमाएंगी. बीजेपी नेता ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग करीब चार महीने पहले जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग बन गया है. उन्होंने कहा कि जब 2014 में हमारी सरकार बनी थी, तब हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार 7 लाख करोड़ रुपये था. आज यह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है.