ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर झंझट खत्म, अब कार चलाने वाले भी दौड़ा सकेंगे ये गाड़ियां

सुप्रीम कोर्ट ने अब लाइसेंस को लेकर झंझट खत्म करने वाला फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 6 नवंबर को फैसला सुनाया कि अगर किसी व्यक्ति के पास हल्के मोटर वाहन (Light Motor Vehicle LMV) चलाने का लाइसेंस है, तो वह 7,500 किलोग्राम वजन तक के वाहन भी चला सकता […]

ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर झंझट खत्म, अब कार चलाने वाले भी दौड़ा सकेंगे ये गाड़ियां Image Credit: Pradeep Gaur/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

सुप्रीम कोर्ट ने अब लाइसेंस को लेकर झंझट खत्म करने वाला फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 6 नवंबर को फैसला सुनाया कि अगर किसी व्यक्ति के पास हल्के मोटर वाहन (Light Motor Vehicle LMV) चलाने का लाइसेंस है, तो वह 7,500 किलोग्राम वजन तक के वाहन भी चला सकता है.

फैसला के मतलब बड़ा आसान है कि एक कार ड्राइवर चाहे तो मिनि ट्रक या 7500 किलो तक के वाहन को चला सकता है. इससे उन सभी ड्राइवरों को फायदा होगा जो हर तरह की गाड़ी चलाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में भी ऐसा ही फैसला दिया था जिसे बरकरार रखा गया है जिसमें हल्के मोटर वाहन लाइसेंस वालों को 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने की अनुमति दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा, “सड़क सुरक्षा को लेकर अक्सर बिना किसी ठोस आंकड़ों के व्यक्तिगत पूर्वाग्रह होते हैं. सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है और भारत में हर साल 1.7 लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. यह कहना कि सभी हादसे LMV चालकों की वजह से होते हैं, गलत है. इसके पीछे सीट बेल्ट का न पहनना, मोबाइल का इस्तेमाल जैसे अन्य कारण भी हैं. इस फैसले से उन LMV लाइसेंस वालों को भी फायदा मिलेगा जो 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले वाहन चला रहे हों और जिन्हें दुर्घटनाओं में बीमा दावे में दिक्कत होती है. लाइसेंस देने का नियम समय के साथ बदलना चाहिए, और अटॉर्नी जनरल ने आश्वासन दिया है कि इसे सुधारने के लिए जरूरी संशोधन किए जाएंगे.”

बीमा कंपनियों का दावा खारिज

दरअसल बीमा कंपनियों के बीच यह कानून सवाल विवाद का कारण बन गया था क्योंकि ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने वाले LMV लाइसेंस वालों के एक्सिडेंट के मामलों में बीमा दावा देने को लेकर बीमा कंपनियां आपत्ति जताती थीं.

यह सवाल सुप्रीम कोर्ट के 2017 के मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले से उठा था, जिसमें तीन जजों की पीठ ने कहा था कि 7,500 किलोग्राम से कम वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन भी LMV की कैटेगरी में आते हैं. इस फैसले को केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया और नियमों को इसके अनुसार बदल दिया.

पिछले साल 18 जुलाई को बेंच ने इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू की थी जिसमें कुल 76 याचिकाएं शामिल थीं. इस मामले में प्रमुख याचिका बजाज अलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने दायर की थी.

मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) अलग-अलग कैटेगरी के वाहनों के लिए लाइसेंस देने के अलग नियम निर्धारित करता है. इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजते समय कहा गया था कि कुछ प्रावधानों को मुकुंद देवांगन फैसले में नहीं देखा गया था और इस विवाद को फिर से विचार करने की जरूरत है.