अमेरिका ने दिया 25 फीसदी टैरिफ का झटका! इन 4 दिग्गज भारतीय ऑटो कंपनियों पर मंडरा रहे संकट के बादल

अमेरिका के एक हालिया फैसले से भारतीय ऑटो कंपनियों की चिंता बढ़ गई है. इस नए टैरिफ का असर केवल एक्सपोर्ट पर ही नहीं बल्कि पूरी इंडस्ट्री पर पड़ सकता है. आखिर कौन सी कंपनियां होंगी प्रभावित और कैसे बदलेगा बाजार?

अमेरिकी टैरिफ से भारत पर असर Image Credit: Money9 Live

अमेरिका ने वाहनों और ऑटो पार्ट्स के आयात पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में हलचल मच गई है. अमेरिका ने 3 अप्रैल से पूरी तरह असेंबल वाहनों पर और 3 मई से ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा. इस कदम का मकसद अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना है, लेकिन इससे वाहन की कीमतों में बढ़त और बाजार में मांग में गिरावट की संभावना जताई जा रही है. भारत के लिए यह फैसला एक बड़ा झटका साबित हो सकता है क्योंकि भारत दूसरा सबसे ज्यादा ऑटो पार्ट्स का एक्सपोर्ट अमेरिका करता है.

भारतीय ऑटो पार्ट्स उद्योग को होगा बड़ा झटका?

भारत से अमेरिका को होने वाला ऑटो पार्ट्स निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 6.79 बिलियन डॉलर का रहा, जो भारत के कुल ऑटो पार्ट्स निर्यात का लगभग एक-तिहाई है. भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए यह चिंता की बात है क्योंकि 27 फीसदी निर्यात अमेरिका को जाता है. अगर टैरिफ की वजह से अमेरिकी कंपनियां भारतीय उत्पादों को खरीदने से हिचकिचाती हैं, तो इससे भारतीय फर्मों की आय पर गंभीर असर पड़ सकता है. अमेरिका के इस टैरिफ फैसले से भारत की इन चार कंपनियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो सकती है.

किन कंपनियों पर होगा सबसे ज्यादा असर?


Sona BLW: Sona BLW के कुल राजस्व का 43 फीसदी अमेरिका से आता है जिससे यह इस टैरिफ के प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित कंपनियों में से एक होगी. यह कंपनी इलेक्ट्रिक और नॉन-इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाई-टेक ऑटो कंपोनेंट्स बनाती है. 2023 तक, कंपनी का वैश्विक बाजार में 8.1 फीसदी हिस्सेदारी डिफरेंशियल गियर्स और 4.2 फीसदी हिस्सेदारी स्टार्टर मोटर्स में थी.

Tata Motors (JLR): टाटा मोटर्स, खासकर इसकी सहायक कंपनी Jaguar Land Rover (JLR), भी इस फैसले से प्रभावित होगी, क्योंकि इसके कुल राजस्व का 31 फीसदी अमेरिका से आता है. टाटा मोटर्स भारत, यूके, दक्षिण कोरिया, चीन, ब्राजील और अन्य देशों में संचालन करती है लेकिन अमेरिकी बाजार इसका एक बड़ा ग्राहक आधार है.

Bharat Forge: भारत फोर्ज जो भारत की सबसे बड़ी ऑटो कंपोनेंट निर्माता और निर्यातक कंपनी है. यह भी इस फैसले से अछूती नहीं रहेगी. इसके कुल राजस्व का 38 फीसदी अमेरिका से आता है, जिससे यह टैरिफ की मार झेलने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल होगी.

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Samvardhana Motherson: सामवर्धन मदरसन जो भारत की सबसे बड़ी ऑटो एंसिलियरी कंपनी है, का 15 फीसदी राजस्व अमेरिकी बाजार से आता है. यह कंपनी वायरिंग हार्नेस और एक्सटीरियर-इंटीरियर कंपोनेंट्स के लिए जानी जाती है और वैश्विक स्तर पर कई बाजारों में अपनी मौजूदगी रखती है.

आगे की राह क्या होगी?

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ का सीधा असर भारतीय ऑटो पार्ट्स कंपनियों के ऑर्डर बुक पर पड़ेगा. कंपनियों को या तो कीमतें कम करनी होंगी या नए बाजार तलाशने होंगे. इस फैसले से अमेरिका में कारों की कीमतें बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है, जिससे मांग में गिरावट हो सकती है.