चालान के नाम पर हो रहा स्‍कैम, सरकार ने जारी की वार्निंग; जानें बचने के उपाय

स्कैमर्स ने स्कैम करने का नया तरीका निकाला है. इसके जरिये लोगों के मोबाइल पर ई-चालान कटने के बाद फाइन देने के लिए मैसेज आता है. मैसेज पर दिए गए लिंक से लोगों की निजी जानकारी आसानी से स्कैमर्स के पास पहुंच जाती है. जानें कैसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान.

क्या है ई-चालान? Image Credit: Sunil Ghosh/HT via Getty Images

लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीके खोजते रहते हैं. वैसा ही कुछ मामला ट्रैफिक चालान को लेकर सामने आया है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने वार्निंग भी जारी कर दी है. आइए आपको बताते हैं ये ट्रैफिक चालान से जुड़ा स्कैम आखिर है क्या और इससे बचा कैसे जा सकता है.

क्या है ई-चालान स्कैम?

आमतौर पर जब किसी शख्स से ट्रैफिक से जुड़ा कोई नियम टूटता है तब उसके मोबाइल नंबर पर चालान आ जाता है. जिसकी भरपाई वह फाइन भर के देता है. ठीक उसी तरह अब स्कैमर्स ने भी लोगों को चालान वाले मैसेज भेजना शुरू कर दिया है. इसमें स्कैमर्स लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं जिसमें ट्रैफिक के फाइन की बात लिखी होती है. लोग हड़बड़ी में मैसेज के साथ आए लिंक पर क्लिक कर देते हैं. उसके बाद लिंक की मदद से ओरिजनल ट्रैफिक वेबसाइट की तरह दिखने वाला एक नकली वेबसाइट खुलता है. इसमें कई निजी जानकारी मांगी जाती है. जैसे कार्ड नंबर, यूपीआई पिन, आधार कार्ड नंबर, ओटीपी. बस, इतनी जानकारी काफी है किसी को लूटने के लिए.

केंद्र सरकार ने जारी की वार्निंग

स्कैम के इस नए तरीके को लेकर केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है. सरकार की ओर से कहा गया है कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें. ध्यान रखें, अगर किसी ट्रैफिक चालान में आपको गड़बड़ी दिख रही है तो अपनी निजी जानकारी उसपर साझा नहीं करें. इसके साथ ही सरकार ने असली और नकली के पहचान के लिए दो वेबसाइट के लिंक को भी शेयर किया है.

असली URLनकली URL
https://echallan.parivahan.gov.in/https://echallanparivahan.in/

कैसे बचें ई-चालान के स्कैम से

  1. सबसे पहले अगर आपके मोबाइल पर चालान को लेकर मैसेज पर आया है तो थोड़ा ठहरिए. वेबसाइट के ध्यान से देखें. क्या वो आधिकारिक वेबसाइट की तरह दिख रहा है.
  2. इससे इतर अगर आपके मोबाइल पर ऐसा कोई मैसेज आता है तो आपको सबसे पहले ई-चालान के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी गाड़ी का नंबर दर्ज करें. उसके बाद आपके नंबर पर एक ओटीपी आएगा, उसे लिखें. अगले पन्ने पर आपको अपनी गाड़ी नंबर पर आए सभी चालान की हिस्ट्री पता लग जाएगी.
  3. यूआरएल पर ध्यान दें. आधिकारिक ई-चालान वाले परिवहन वेबसाइट के यूआरएल के आखिरी में gov.in लिखा होगा, ना कि केवल .in.