किसने बनाई हार्ले-डेविडसन, 121 साल पुराना आइडिया और फिर दुनिया ने देखा कमाल

इस बार के बजट में 1600cc से कम और अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की घोषणा की गई, जिससे भारत में हार्ले-डेविडसन बाइक्स की कीमत कम होने की संभावना है. लेकिन आखिर ये ब्रांड इतना खास क्यों है? इसका इतिहास क्या है? और भारत में इसकी वापसी कैसे हुई?

हार्ले-डेविडसन Image Credit:

Harley Davidson: भारत के बजट 2025 में कुछ ऐसे ऐलान हुए, जिनका असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ा. खासतौर पर एक ऐसी बाइक चर्चा में रही, जो हमेशा से क्लास, स्टाइल और दमदार परफॉर्मेंस का प्रतीक रही है, वह है हार्ले-डेविडसन. इस बजट में 1600cc से कम और अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर पूरी तरह से निर्मित विदेशी बाइक्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की घोषणा की गई, जिससे भारत में हार्ले-डेविडसन बाइक्स की कीमत कम होने की संभावना है. लेकिन आखिर ये ब्रांड इतना खास क्यों है? इसका इतिहास क्या है? और भारत में इसकी वापसी कैसे हुई? आइए जानते हैं इस आइकॉनिक बाइक ब्रांड की पूरी कहानी.

चार दोस्तों का सपना

साल 1903 में, अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य के मिल्वौकी शहर में विलियम एस. हार्ले (William S. Harley) और तीन डेविडसन भाइयों जो कि आर्थर डेविडसन, वाल्टर डेविडसन और विलियम ए. डेविडसन ने मिलकर एक मोटरसाइकिल कंपनी की नींव रखी. उस दौर में साइकिलें आम थीं, लेकिन ये चारों दोस्त एक ऐसी बाइक बनाना चाहते थे, जो ज्यादा तेज चले और ज्यादा मजबूत हो. हालांकि शुरुआत में उन्होंने अपने छोटे से गैरेज में एक इंजन के साथ साइकिल जैसी दिखने वाली बाइक तैयार की. बाद में उनका यह प्रोजेक्ट सफल रहा और जल्द ही उन्होंने एक कंपनी की स्थापना की, जिसका नाम उन्होंने हार्ले-डेविडसन रखा.

क्या हार्ले-डेविडसन आज भी अमेरिकी कंपनी है?

आज भी हार्ले-डेविडसन का मुख्यालय अमेरिका में ही है और इसकी मोटरसाइकिलें वहीं बनाई जाती हैं. इसकी प्रोडक्शन यूनिट्स विस्कॉन्सिन और पेंसिल्वेनिया में हैं, हालांकि कुछ असेंबली प्लांट ब्राजील और थाईलैंड में भी हैं. फिलहाल हार्ले-डेविडसन के सीईओ जोचेन जीट्ज (Jochen Zeitz) हैं, जिन्होंने 2020 में कंपनी की कमान संभाली.


अमेरिकी सेना की पसंदीदा बाइक

हार्ले-डेविडसन सिर्फ एक प्रीमियम बाइक ब्रांड नहीं है, बल्कि इसका इतिहास युद्ध के मैदानों से भी जुड़ा हुआ है. प्रथम विश्व युद्ध (1917-1918) में अमेरिकी सेना ने हार्ले-डेविडसन की 20,000 से अधिक मोटरसाइकिलें खरीदीं थी. वहीं दूसरे द्वितीय विश्व युद्ध (1941-1945) में भी कंपनी ने अमेरिकी सेना और मित्र देशों को करीब 90,000 मोटरसाइकिलें सप्लाई कीं. युद्ध के बाद, हार्ले-डेविडसन की बाइकें रेसिंग और स्टंट शो में भी फेमस हुईं.

अमेरिका में “बाइकर कल्चर” और हार्ले-डेविडसन का जलवा

1950 के दशक में हार्ले-डेविडसन ने स्पोर्टस्टर (Sportster) जैसे पावरफुल मॉडल लॉन्च किए, जिसने अमेरिकी युवाओं के बीच इस ब्रांड को बेहद लोकप्रिय बना दिया. उसके बाद 1960-70 के दशक में, हार्ले-डेविडसन सिर्फ एक बाइक नहीं, बल्कि “रिबेल (Rebel) बाइकर कल्चर” का प्रतीक बन गई. हॉलीवुड फिल्मों में इसे बाइकर गैंग्स और रोड ट्रिप एडवेंचर्स से जोड़ा जाने लगा. 1970-80 के दशक में हार्ले-डेविडसन ने कई नई टेक्नोलॉजी और पावरफुल इंजन पेश किए, जिससे यह दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मोटरसाइकिल कंपनियों में शामिल हो गई.

भारत में हार्ले-डेविडसन की एंट्री

भारत में पहली बार लॉन्च इस बाइक की एंट्री साल 2009 में हुई. भारत में इसका शुरुआती मॉडल्स Iron 883, Forty-Eight, Street 750, Fat Boy, और Heritage Classic जैसी बाइक्स शामिल थीं.

भारत से बाहर निकलने की घोषणा

हालांकि कुछ सालों बाद ही हार्ले-डेविडसन को भारतीय बाजार में मुश्किलें आने लगीं, जिसकी वजह थी,

हाई प्राइस और मेंटेनेंस कॉस्ट: हार्ले-डेविडसन की बाइक्स महंगी थीं और उनकी सर्विसिंग का खर्च भी अधिक था.
लो डिमांड: भारतीय ग्राहक आमतौर पर बजट फ्रेंडली बाइक्स पसंद करते हैं, जिससे हार्ले-डेविडसन को ज्यादा ग्राहक नहीं मिले.
कंपटीशन: रॉयल एनफील्ड जैसी कंपनियों की सस्ती क्रूजर बाइक्स ने बाजार पर कब्जा जमा लिया.

जिसके बाद साल 2020 में कंपनी ने घोषणा की कि वह भारत में अपने सेल्स और मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन्स बंद करेगी. हालांकि साल जुलाई 2023 में कंपनी ने Hero MotoCorp के साथ साझेदारी की. इस साझेदारी के तहत Harley-Davidson X440 लॉन्च की. यह बाइक रॉयल एनफील्ड को टक्कर देने के लिए डिजाइन की गई थी और इसकी कीमत भी अपेक्षाकृत कम रखी गई.

दुनिया में कितनी बिकती है यह बाइक ?

मोटरसाइकल रिटेल सेल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में हार्ले-डेविडसन बाइक की ग्लोबल लेवल पर रिटेल सेल 162,771 हुई है. इनमें अमेरिका, कनाडा, EMEA यानी यूरोप, मीडिल ईस्ट अफ्रीका, एशिया-प्रशांत रिजन, लेटिन अमेरिका के देश शामिल है. कुल बिक्री में इस बाइक की सबसे ज्यादा बिक्री नार्थ अमेरिका के देशों में हुई है.

अगर में भारत में इस बाइक की बिक्री की बात किया जाए तो स्टेटिस्टा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 के बीच हार्ले डे-विडसन की बिक्री करीब 14.5 हजार है. इस बाइक की बिक्री में यह उल्लेखनीय बढ़ोतरी हार्ले-डेविडसन X440 की शुरूआत के कारण हुई, जिसे जुलाई 2023 में भारत में लॉन्च किया गया था.

बजट 2025 और हार्ले-डेविडसन की नई उम्मीद

अब बजट 2025 में 1600cc से कम और अधिक इंजन वाली विदेशी बाइक्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर दी गई. इसका सीधा फायदा हार्ले-डेविडसन को होगा क्योंकि इससे इनकी बाइक्स सस्ती हो सकती हैं. इंडियन बाइक लवर्स के लिए अब हार्ले-डेविडसन की कुछ प्रीमियम बाइक्स ज्यादा अफोर्डेबल हो सकती हैं.