Budget 2025: हलवा सेरेमनी के साथ बजट का आगाज, नॉर्थब्लॉक के बेसमेंट में बंद हुए मंत्रालय के कर्मचारी
Budget 2025 की तैयारी पूरी हो चुकी है. शुक्रवार 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों ने हलवा सेरेमनी आयोजित कर इसका ऐलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इसमें शामिल हुईं.
Budget 2025 के लिए वित्त मंत्रालय की तैयारी पूरी हो चुकी है. हलवा सेरेमनी के साथ इसका संकेत दे दिया गया है. शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम व वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों की तरफ से आयोजित हलवा सेरेमनी में शिरकत की. इसके बाद बजट बनाने की प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारी नॉर्थब्लॉक के बेसमेंट में बंद हो गए हैं. अब ये कर्मचारी वित्त मंत्री के बजट भाषण के पूरा होने के बाद ही बाहर निकलेंगे. करीब 7 दिन तक ये कर्मचारी बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटे रहेंगे. नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित इस कार्यक्रम के बाद बजट प्रिंटिंग का काम शुरू होता है.
1980 से जारी है लॉक इन परंपरा
हलवा सेरेमनी बजट की प्रक्रिया में एक अहम कार्यक्रम है. क्योंकि, यह वित्त मंत्रालय में लॉकडाउन की शुरुआत का प्रतीक है. इसका मतलब है कि अब किसी भी अधिकारी को मंत्रालय परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है. बजट टीम के सभी सदस्यों को संसद में बजट भाषण पूरा होने तक बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है. नॉर्थ ब्लॉक में स्थित बेसमेंट के अंदर केंद्रीय बजट की छपाई होती है. यह परंपरा 1980 से बदस्तूर चली हा रही है.
लगातार 7वां बजट पेश करेंगे सीतारमण
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और तय कार्यक्रम के मुताबिक 4 अप्रैल को समाप्त होगा. बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण लगातार 7वीं बार बजट पेश करेंगी. इस तरह वे देश में अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री हैं. उनसे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम था, जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था.
मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी NDA की सरकार का यह पहला पूर्ण बजट है. सभी की निगाहें मोदी सरकार के शेष कार्यकाल के लिए होने वाली प्रमुख घोषणाओं पर होगी. यह बजट मोटे तौर पर आने वाले कार्यकाल की दिशा तय करेगा. कमजोर होते जीडीपी के आंकड़ों और सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ाने वाली तमाम घोषणाओं की बजट से उम्मीद की जा रही है.