Budget 2025: 6.4% जीडीपी ग्रोथ के लिए बढ़ानी होगी घरेलू खपत, Moody’s ने दी सलाह
Budget 2025 को लेकर रेटिंग ऐजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत को 2025 में 6.4 फीसदी की GDP ग्रोथ हासिल करनी है, तो फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी में बड़े बदलाव करने होंगे.
Budget 2025 को लेकर रेटिंग ऐजेंसी मूडीज ने सलाह दी है कि भारत को मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ को 6.4 फीसदी के स्तर पर बनाए रखने के लिए बजट में ऐसे उपाय करने की जरूरत है, जिनसे घरेलू स्तर पर खपत बढ़े. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत को अपनी जीडीपी ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के लेवल पर बड़े बदलाव करने होंगे. मूडीज एनालिटिक्स की तरफ से बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि Union Budget 2025-26 में ऐसे उपायों की उम्मीद है, जिनसे घरेलू खपत बढ़े. इसके अलावा ऐसे उपायों की भी दरकार है, जिनसे निवेश को बढ़ावा मिले.
फिस्कल डेफिसिट पर भी देना होगा ध्यान
इसके साथ ही इस रिपोर्ट में फिस्कल डेफिसिट (राजकोषीय घाटे) को कम करने की सलाह दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट को GDP के 4.5 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य रखा जाना चाहिए. 2023-24 में राजकोषीय घाटा GDP के 5.6 प्रतिशत के स्तर पर था. मौजूदा वित्त वर्ष में यह घटकर 4.9 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया है.
भारत के लिए मुश्किल वर्ष
मूडीज एनालिटिक्स की एसोसिएट इकोनॉमिस्ट अदिति रामन ने इस रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक मोर्चे पर 2025 भारत के लिए एक मुश्किल वर्ष हो सकता है. इस दौरान डॉलर की तुलना में रुपये में लगातार कमजोरी जारी रह सकती है. इसके अलावा विदेशी निवेश में कमी और महंगाई के मोर्चे पर अस्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़े जोखिम हैं.
जीडीपी ग्रोथ के लिए करने होंगे ये काम
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनौतिपूर्ण वैश्विक और घरेलू परिस्थितियों के बीच अगर भारत 6.4 फीसदी की दर से जीडीपी ग्रोथ हासिल करना चाहता है, तो वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआती दो तिमाही में फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी में बड़े बदलाव करने होंगे. फिस्कल पॉलिसी में जोर खर्च बढ़ाने पर रखना होगा और मॉनेटरी पॉलिसी में महंगाई को काबू में रखते हुए लिक्विडिडी बढ़ाने के उपाय करने होंगे.
धीमी पड़ रही रफ्तार
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2024 की शुरुआत में भारत एशिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था था. साल के आखिर में भारत की ग्रोथ धीमी पड़ गई है. 2024-25 की तीन तिमाहियों में GDP वृद्धि लगातार धीमी रही है. हालांकि, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इसमें वृद्धि की संभावना है, जिसे देखते हुए कुल 2024-25 की जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी की हो सकती है. जबकि, पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 7.8 फीसदी रही थी.
टैरिफ बढ़ा सकता है तनाव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से जब नया टैरिफ प्लान लॉन्च किया जाता है, तो यह टैरिफ भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए तनावपूर्ण माहौल बना सकता है. हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत बंद है. ऐसे में बेसलाइन सिनेरियो में GDP दर 6.4 फीसदी पर सेटल हो सकती है.