Budget 2025: पुरानी TAX रिजीम को किया जाए खत्म लागू हो नई टैक्स व्यवस्था, SBI की रिपोर्ट ने दिया सुझाव

बजट 2025 पेश होने से पहले एसबीआई रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में एसबीआई ने बजट को लेकर कई तरह के सुझाव दिए हैं. रिपोर्ट में पुराने टैक्स रिजीम को हटाने और नए टैक्स रिजीम को लागू करने का सुझाव दिया गया है.

बजट 2025 Image Credit: social media

Budget 2025: इस बार बजट पेश होने से पहले एक वर्ग जो काफी चर्चा में है, वह है मिडिल क्लास. देश में मिडिल क्लास को लेकर सरकार की क्या प्लानिंग होनी चाहिए है, और पुरानी व नई टैक्स व्यवस्था को लेकर एक्सपर्ट्स अपनी राय लगातार दे रहे हैं. अब जब बजट 2025 के आने में चंद दिन बचे हैं, इसी बीच एसबीआई रिसर्च ने पुरानी और नई टैक्स रिजीम को लेकर सुझाव दिया है. एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पुरानी टैक्स रिजीम को खत्म करने का सुझाव दिया है.

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सरकार नई टैक्स व्यवस्था अपनाती है तो लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे वे ज्यादा खर्च कर सकेंगे और इकोनॉमी को फायदा होगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार थोड़ा कम टैक्स वसूलकर मामूली नुकसान झेल सकती है, लेकिन इससे लोगों को फायदा होगा.

पुरानी और नई टैक्स रिजीम

नई टैक्स रिजीम में आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कोई छूट नहीं मिलती है. लेकिन टैक्सपेयर्स मानक छूट (Standard Deduction) के तहत 75,000 रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं. वहीं, पुरानी कर व्यवस्था में आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट दी जाती है, जिसमें 1.50 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट का लाभ उठाया जा सकता है. इसके अलावा भी कटौती के कई और रास्‍ते पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था में हैं.

बजट 2025 पर SBI रिसर्च का सुझाव

SBI ने अपने रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि, वित्त बजट 2025 में सामाजिक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, हेल्थ सेक्टर और कंजम्पशन को आधार बनाकर पेश किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, डायरेक्ट टैक्स को कम से कम राजस्व नुकसान (Revenue Loss) के साथ तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया जा सकता है. इसमें बताया गया है कि इससे जो नुकसान होगा, वह करीब 50,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है, जो देश की GDP का केवल 0.14% है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुरानी टैक्स रिजीम के मुकाबले नई टैक्स प्रणाली सभी टैक्सपेयर्स को ज्यादा फायदा देगी.

एसबीआई की रिपोर्ट के सुझाव

एसबीआई की रिपोर्ट में एनपीएस (National Pension System) की छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है. साथ ही मेडिकल इंश्योरें की छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की है. वहीं 10 से 15 लाख रुपये सालाना इनकम वालों के लिए टैक्स रेट को 20% से घटाकर 15% करने की सलाह दी है. इसके अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर एक समान 15% टैक्स रेट लागू करने का सुझाव, जो नई टैक्स प्रणाली में स्लैब आधारित टैक्स सिस्टम की जगह लेगा.

FD टैक्सेशन को लेकर दिया सुझाव

फिलहाल, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर 5% से 30% तक टैक्स लगता है, जो व्यक्ति की आमदनी के हिसाब से तय होता है. SBI की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि FD के ब्याज पर एक समान 15% टैक्स लगाया जाए, लेकिन यह हर साल न लगकर तब वसूला जाए जब पैसा निकाला जाए. यह वही तरीका होगा, जैसा शेयर और म्यूचुअल फंड पर टैक्स लगाने में इस्तेमाल किया जाता है, जहां टैक्स सिर्फ बेचने के समय लगता है.

सेविंग अकाउंट होल्डर्स के लिए राहत देने का सुझाव

एसबीआई ने सेविंग अकाउंट के ब्याज पर छूट की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने की सिफारिश की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे करीब 99.65% अकाउंट होल्डर्स को फायदा होगा.