इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, 22,919 करोड़ की कंपोनेट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम मंजूर

भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 22,919 करोड़ रुपये की एक नई योजना को मंजूरी दी है. यह योजना देश में निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के उत्पादन को बढ़ावा देगी, वैश्विक निवेश को आकर्षित करेगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी.

पीसीबी मैन्युफैक्चरिंग Image Credit: Canva

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 22,919 करोड़ रुपये की कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत देश में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. 22,919 करोड़ रुपये की योजना के तहत इस क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित कर रोजगार सृजित करने पर जोर दिया जाएगा. यह देश में पहली ऐसी योजना है, जो निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.

क्या है योजना का मकसद?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वैश्विक एवं घरेलू निवेश को आकर्षित करके एक मजबूत आपूर्ति शृंखला का विकास करने के मकसद से ‘Electronics Component Manufacturing Scheme’ को मंजूरी दी है. इस पहल से क्षमता एवं योग्यता विकसित करने के साथ ही भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं यानी GVC के साथ इंटीग्रेट कर घरेलू मूल्यवर्धन यानी DVA में भी वृद्धि की उम्मीद है.

17 फीसदी की दर से बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 के 1.90 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह सालाना 17 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर को दर्शाता है.

छह साल में पूरी होगी योजना

वैष्णव ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स विनिर्माण योजना के तहत निष्क्रिय घटकों को मंजूरी दी गई है. इसका कुल पैकेज 22,919 करोड़ रुपये का है. यह योजना छह साल में पूरी होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा, इस योजना से 91,600 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे. इसके अलावा 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा.

इन सेक्टर्स की पूरी होगी जरूरत

वैष्णव ने कहा कि यह योजना दूरसंचार, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, चिकित्सा उपकरण, बिजली क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगी. इस योजना से 4.56 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन होने की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना भारतीय मैन्युफैक्चरर को अलग-अलग कैटेगरी और सेग्मेंट के कंपोनेंट बनाने से जुड़ी विशिष्ट खामियों को दूर करने के लिए प्रोत्साहन देगी.

इन कंपोनेंट्स पर रहेगा जोर

फिलहाल, इस योजना के तहत देश में डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा मॉड्यूल और मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड यानी PCB, लिथियम-ऑयन बैटरी और मोबाइल, आईटी हार्डवेयर से जुड़े कंपोनेंट्स बनाने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. प्रोत्साहन के एक हिस्से का भुगतान रोजगार लक्ष्य प्राप्ति से भी जुड़ा हुआ है.