हिंद महासागर की ‘महाताकत’ बनेगी भारतीय नौसेना, 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीद को सरकार ने दी मंजूरी

हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने वाली है. केंद्र सरकार ने नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीद के सौदे को मंजूरी दे दी है. नौसेना को ये फाइटर जेट मिलेंगे भारत और फ्रांस के बीच सरकार से सरकार के साथ हुए समझौते के तहत मिलेंगे.

हवा में रिफ्यूलिंग की तैयारी में राफेल जेट Image Credit: Patrick Aventurier/Getty Images

भारतीय नौसेना को जल्द ही फ्रांस से 26 राफेल मरीन जेट यानी Rafale-M jets मिलेंगे. भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय नौसेना को मिलने वाले इन विमानों का सौदा 63,000 करोड़ रुपये में तय हुआ है. बुधवार को भारत सरकार ने इस खरीद को मंजूरी दे दी है. इस सौदे के तहत नौसेना को मिलने वाले 26 फाइटर जेट्स में से 22 सिंगल सीटर हैं, जबकि 4 डबल सीटर हैं. इन विमानों को भारतीय नौसेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.

समझौते में और क्या?

दोनों देशों के बीच सरकार के स्तर पर हुए इस समझौते के तहत फ्रांसीसी डिफेंस दिग्गज Dassault Aviation की तरफ से भारतीया नौसेना को 22 सिंगल सीट और चार डबल सीट राफेल मरीन जेट के साथ एयरफोर्स के मौजूदा 36 राफेल को लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया जाएगा. ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सौदे के तहत नौसेना के 26 और वायुसेना के 36 राफेल को पांच साल तक लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया जाएगा. इसके अलावा रिपेयरिंग और मेंटेनेस के लिए जरूरी कलपुर्जे भी उपलब्ध कराए जाएंगे.

कब तक होगी डिलीवरी?

26 राफेल-एम जेट विमानों के सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर के बाद इन विमानों की आपूर्ति में 37 से 65 महीनों का समय लगेगा. इस तरह पूरे 26 विमान 2030-31 तक डिलीवर होने की उम्मीद की जा सकती है. राफेल मरीन के फ्लीट से भारतीय वायुसेना के मौजूदा फ्लीट की एरियल रिफ्यूलिंग कैपेबिलिटीज बढ़ेंगी. इसके अलावा इस सौदे के तहत भारतीय वायुसेना के फ्लीट के लिए ग्राउंड सपोर्ट और सॉफ्टवेयर अपग्रेड भी मिल सकता है. इससे वायुसेना और नौसेना के राफेल जेट के फ्लीट को असानी से इंटिग्रेट किया जा सकेगा.

मिग के साथ मिलाएगा कंधा

नौसेना में फ्रांसीसी राफेल रूसी मिग-29K के फ्लीट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत की समुद्री सीमाओं को महफूज बनाएगा. फिलहाल, जब तक राफेल नहीं आते हैं, मिग-29K आईएनएस विक्रमादित्य से अकेले यह जिम्मेदारी निभाते रहेंगे. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक राफेल मरीन जेट नौसेना में शामिल होने से भारती की समुद्र में रक्षा क्षमता में काफी वृद्धि होगी. इसके अलावा, नौसेना पहले से ही रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की तरफ से विकसित किए जा रहे पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमानों को भी अपने बेडे़ में शामिल करने की योजना बना रही है.

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