क्रिप्टो घोटाले में Paytm, Razorpay समेत 8 पेमेंट गेटवे का नाम, ED कर रही जांच
ED ने 8 पेमेंट गेटवे पर जांच शुरू कर दी है. इनमें Paytm, RazorPay, PayU और Easebuzz जैसे बड़े नाम शामिल हैं. हालांकि पेटीएम ने इस मामलों को लेकर अपनी तरफ से एक बयान जारी किया है.
Paytm: भारत में चल रहे एक बड़े क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 8 पेमेंट गेटवे पर जांच शुरू की है. इनमें Paytm, RazorPay, PayU और Easebuzz जैसे बड़े नाम शामिल हैं. यह घोटाला करीब 2,200 करोड़ रुपये का है और इसमें 10 चीनी नागरिकों के जुड़े होने की बात सामने आई है. इसका खुलासा टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट ने किया. हालांकि पेटीएम ने इस मामलों को लेकर अपनी तरफ से एक बयान जारी किया है.
Paytm ने दिया जवाब
वहीं पेटीएम ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा है कि उसे ED का कोई नोटिस नहीं मिला है. पेटीएम ने रिपोर्ट को गलत बताया है. अपने बयान में पेटीएम ने कहा कि “हम यह बताना चाहते हैं कि हमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कोई नया नोटिस या सवाल नहीं मिला है. यह खबर गलत और भ्रामक हैं. अपने बयान में पेटीएम ने आगे बताया कि जो खबरें मिल रही हैं, वे पुराने सवालों से जुड़ी हैं, जो थर्ड पार्टी के व्यापारियों के बारे में हैं. पेटीएम ने कहा कि हम यह साफ करना चाहते हैं कि ये व्यापारी हमारे ग्रुप का हिस्सा नहीं हैं. हम पूरी तरह से ईडी अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और उनके सभी आदेशों का पालन किया है”.
क्या है पूरा मामला ?
रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने निवेशकों को अधिक रिटर्न का लालच देकर भारी निवेश जुटाया. इसके बाद, इस राशि को विदेशों में भेज दिया गया. कुछ रकम पेमेंट गेटवे के जरिए कई लाभार्थियों को ट्रांसफर की गई. रकम आमतौर पर एक या दो दिन तक गेटवे में रखी जाती थी और फिर थोक में पेमेंट किए जाते थे. इसी प्रासेस के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 500 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज कर दी है. ED द्वारा फ्रीज की गई कुल राशि में सबसे ज्यादा PayU की थी, जो 130 करोड़ रुपये है. इसके बाद Easebuzz के 33.4 करोड़ रुपये, Razorpay के 18 करोड़ रुपये, Cashfree के 10.6 रुपये करोड़ और Paytm के 2.8 करोड़ रुपये है. इस मामले से जुड़े पेमेंट गेटवे WunderBaked, AgreePay और SpeedPay भी शामिल हैं. हालांकि Money9live इस खबर की अलग से पुष्टि नहीं करता.
ED इस मामले में हुए पैसे के ट्रांजेक्शन का पता लगाने और यह जांचने में जुटा है कि क्या पेमेंट गेटवे ने कोई डाउटफुल लेनदेन रिपोर्ट (STR) तैयार की थी. इस घोटाले को लेकर ईडी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को भी सतर्क कर दिया गया है. दरअसल सभी फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के लिए STR रिपोर्ट तैयार करना जरुरी होता है, जिसे टाइम टू टाइम आरबीआई को भेजा जाता है. जिसके बाद, केंद्रीय बैंक इस रिपोर्ट को FIU को फॉरवर्ड करता है, ताकि प्रवर्तन एजेंसियां इसकी जांच कर सके. ED फिलहाल इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है और देशभर में इस घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा कर रहा है.
इन राज्यों में हुआ घोटाला ?
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 50 से ज्यादा कंपनियां इस घोटाले में शामिल हैं, जिनके 84 बैंक खाते है. कर्नाटक में 37 बैंक खाते और 26 कंपनियां है. हरियाणा में 19 कंपनियां और उत्तर प्रदेश में 11 कंपनियां है. इसके अलावा, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से भी यह घोटाला चलाया गया.