8th Pay Commission: जब भी बढ़ती है सैलरी, सरकार के खजाने पर आता है इतना बोझ, इस बार बनेगा रिकॉर्ड!

6वें आयोग का सरकारी खर्चे पर 22,000 करोड़ रुपये का भार आया था लेकिन 7वें आयोग में ये भार बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये हो गए थे. इन तमाम इजाफे के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग का असर सैलरी बिल पर कहीं ज्यादा हो सकता है.

8वें वेतन आयोग का सरकारी खजाने पर बोझ! Image Credit: @Freepik

8th Pay Commission Impact On Salary Bill: सरकार ने बजट से पहले सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. गुरुवार, 16 जनवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सैलरी में 186 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल सकता है. जिसका असर सीधे सरकार के खजाने पर होगा. अब तक जितने बार वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई हैं, हर बार सरकार के सैलरी खर्च में 40-45 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है.

खजाने पर होता है सीधा असर

इस इजाफा का सीधा असर अगले केंद्रीय बजट पर पड़ने वाला है, चूंकि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त होंगी उसी तर्ज पर 8वें वेतन आयोग का गठन भी अगले साल यानी 2026-27 में हो सकता है. इसे देखते हुए सरकार के सैलरी बिल पर अगले बजट यानी 2026-27 पर दिखेगा.

सैलरी बिल में 5 गुना हुआ इजाफा

6वें आयोग का सरकारी खर्चे पर 22,000 करोड़ रुपये का भार आया था लेकिन 7वें आयोग में ये भार बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये हो गए थे. इन तमाम इजाफे के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग का असर सैलरी बिल पर कहीं ज्यादा हो सकता है क्योंकि सरकारी कर्मचारियों की संख्या में भी काफी इजाफा दर्ज किया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 में, पिछले पांच साले के डाउनसाइजिंग ट्रेंड को उलट करते हुए अपने कार्यबल को 35.6 लाख तक बढ़ा दिया जो पिछले साल तक 31.7 लाख था.

वेतन आयोग का सैलरी बिल पर कितना पड़ता है भार

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 में लागू 7वें वेतन आयोग ने डिफेंस सैलरी को छोड़कर, केंद्र सरकार के वेतन बिल में 21.7 फीसदी की वृद्धि की थी. वहीं 6ठें आयोग ने जिसे 2008-09 और 2009-10 में लागू किया गया था उसने वेतन बिल में क्रमश: 46 फीसदी और 33 फीसदी का इजाफा किया था. इसी तरह केंद्र सरकार के पेंशन बिल में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई थी. क्योंकि 2016-17 में पेंशन लायबिलिटी में 35.8 फीसदी का इजाफा हुआ था जबकि 2009-10 में यह 70 फीसदी बढ़ा था. कुल मिलाकर, 6वें और 7वें वेतन आयोग का फर्क सैलरी बिल पर 5 गुना ज्यादा था.

वेतन आयोग और वित्त वर्षसरकार के सैलरी बिल पर असर (फीसदी में)
7वां आयोग, FY 1721.7
7वां आयोग, FY 186.6
7वां आयोग, FY 197.4
7वां आयोग, FY 208
7वां आयोग, FY 215
7वां आयोग, FY 228
7वां आयोग, FY 235
7वां आयोग, FY 247.6
7वां आयोग, FY 259.3
आयोग का सैलरी बिल पर असर, क्रेडिट- Budget

वेतन के बीच अंतर भी बढ़े

न्यूनतम और अधिकतम वेतन के बीच के अंतर में भी इजाफा हुआ. 5वें वेतन आयोग में यह 10.2 गुना था, 6वें आयोग में ये बढ़कर 11.4 गुना और 7वें वेतन आयोग में ये बढ़कर 12.5 गुना हो गया. उस तर्ज पर,  अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये था जो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये का 12.5 गुना था.