महिलाओं को कैश ट्रांसफर, 1.5 लाख करोड़ का झटका; राज्य सरकारों की बिगड़ रही सेहत

पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि चुनाव के समय डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीमों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. इसमें कई राज्य ऐसे हैं जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से महिलाओं को कुछ राशि अनुदान के रूप में देते हैं. अब SBI ने इसे लेकर चिंता जताई है और राज्यों की माली हालत पर पड़ने वाले जोखिम की ओर इशारा किया है.

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीमों Image Credit: money9live.com

SBI raised concerns DBT schemes: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कई राज्यों में महिलाओं पर केंद्रित डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम को लेकर राज्यों की माली हालत पर चिंता जताई है और उनके बजट पर पड़ने वाले बोझ की ओर इशारा किया है. कई राज्य चुनाव के दौरान इस तरह की स्कीम की घोषणा करते हैं. हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड में हुए चुनावों में महिलाओं के लिए चलाई गई डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजनाओं की काफी चर्चा हुई थी, जिसका लाभ चुनावी नतीजों में भी दिखा. कई विश्लेषकों का मानना है कि इन दोनों राज्यों में सरकार बनाने में महिलाओं का अहम योगदान रहा है. एसबीआई का कहना है कि इससे राज्यों के बजट पर भारी दबाव पड़ सकता है.

1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बोझ

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 राज्यों में इन स्कीमों की कुल लागत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो इन राज्यों के रेवेन्यू का 3-11 फीसदी तक है. रिपोर्ट में इन योजनाओं को चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना गया है.

कई राज्यों के माली हालात पर बोझ

रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा जैसे कुछ राज्यों की स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन कई राज्यों को राजकोषीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट में कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना का उदाहरण दिया गया है, जिस पर सालाना 28,608 करोड़ रुपये का खर्च है, जो राज्य के राजस्व का 11 फीसदी है.

इसी तरह, पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार योजना, जो आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 1,000 रुपये का अनुदान देती है, पर राज्य सरकार का 14,400 करोड़ रुपये का खर्च आता है, जो राज्य के राजस्व का 6 फीसदी है.

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केंद्र सरकार पर बढ़ सकता है दबाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि यह चलन जारी रहा, तो केंद्र सरकार पर भी ऐसी स्कीम लॉन्च करने का दबाव बढ़ सकता है. इसमें सुझाव दिया गया है कि बाजार को प्रभावित करने वाली सब्सिडी को कम करने के लिए एक यूनिवर्सल इनकम ट्रांसफर स्कीम अपनाना अधिक प्रभावी होगा.

हालांकि इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और चुनावी समर्थन प्राप्त करना है, रिपोर्ट ने राज्यों को राजकोषीय घाटे और उधार लेने की प्रथाओं का सावधानीपूर्वक आकलन करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. इसके अलावा, लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं का मूल्यांकन करने की भी सिफारिश की गई है.