Adani Wilmar JV से बाहर होगी अडानी एंटरप्राइजेज, 200 करोड़ डॉलर में हुआ सौदा; इन्फ्रा पर जोर
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) जॉइंट वेंचर (JV) से बाहर निकलने का फैसला किया है. इसके लिए कंपनी का विल्मर इंटरनेशनल के साथ 200 करोड़ डॉलर में सौदा हुआ है. इस सौदे के तहत AEL की तरफ से AWL में अपनी पूरी हिस्सेदार को बेचा जाएगा.
Adani Wilmar को लेर अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया है कि विल्मर इंटरनेशनल के साथ बनाई गई जॉइंट वेंचर कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) से पूरी तरह बाहर निकलने जा रही है. कंपनी ने बताया कि AWL JV से एग्जिट दो चरणों में पूरा होगा. पहले हिस्से में कंपनी AWL की अपनी कुल 44 फीसदी हिस्सेदारे में से 31 फीसदी विल्मर की सहायक कंपनी को बेचेगी, वहीं शेष 13 फीसदी हिस्सेदारी खुले बाजार में बेची जाएगी.
कंपनी ने एक बयान जारी कर यह भी बताया कि 500 करोड़ डॉलर के मार्केट कैप वाली कंपनी AWL के इस सौदे से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपने कोर बिजनेस में करेगी. कंपनी ने फाइलिंग में कहा, आय का उपयोग इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और यूटिलिटी, ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स को गति देने के लिए किया जाएगा.
कंपनी का कहना है कि यह सौदा अडानी समूह के वित्तीय अनुशासन के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है. AEL ने अक्टूबर 2024 में 50 करोड़ डॉलर जुटाए. अब इस इस लेनदेन के साथ AEL के पास करीब 250 करोड़ डॉलर कैश होंगे. इसके अलावा अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) ने 100 करोड़ डॉलर, अंबुजा सीमेंट ने 50 करोड़ डॉलर, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने पिछले 4 महीनों में 44.4 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. इस तरह समूह के पास कुल मिलाकर 450 करोड़ डॉलर कैश होगा.
क्यों लिया गया यह फैसला
माना जा रहा है कि समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी पर अमेरिका में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की तरफ से लगाए आरोपों की वजह से लिक्विडिटी कम होने के कयास लगाए जा रहे थे. इस सौदे के साथ कंपनी के पास लिक्विडिटी से जुड़ी चुनौतियां खत्म हो जाएंगी.
कब तक पूरी होगी डील
अडानी समूह की तरफ से जारी वक्तव्य में बताया गया है कि विल्मर इंटरनेशनल की सहायक कंपनी लेंस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से AWL का अधिग्रहण 31 मार्च, 2025 तक पूरा किए जाने की उम्मीद है. इस सौदे से AEL को 200 करोड़ डॉलर का कैश फ्लो मिलेगा. इसके अलवा शेष 13 फीसदी हिस्सेदारी को ऑफर फॉर सेल के तहत खुले बाजार में बेजा जाएगा.
कहां होगा पैसे का इस्तेमाल
एईएल ने अपने वक्तव्य में बताया कि इस सौदे से मिली रकम से एइएल की इनक्यूबेशन क्षमता को मजबूती मिलेगी. इसके अलावा हवाई अड्डों और अडानी डिजिटल के उपभोक्ता को मिलने वाली सेवाओं पर भी अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा.