अडानी ग्रुप ने एक और कंपनी पर लगाया दांव, 400 करोड़ रुपये में किया अधिग्रहण
खास बात यह है कि एयर वर्क्स केवल प्राइवेट विमानन कंपनियों के लिए ही काम नहीं करती है, बल्कि भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के विमानों का भी रखरखाव करती है. अभी यह नौसेना के पी-8आई विमान और वायु सेना के 737 वीवीआईपी बेड़े की देखरेख कर रही है.
अडानी ग्रुप लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है. इसके लिए ग्रुप नई-नई कंपनियों का अधिग्रहण कर रहा है. अब उसने एक और नई कंपनी पर अपना दांव लगाया है. अडानी समूह ने ऐलान किया है कि वह 400 करोड़ रुपये में फर्म एयर वर्क्स को खरीद रहा है. एयर वर्क्स भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी है, जो विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) का काम करती है. खास बात यह है कि अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने एयर वर्क्स का अधिग्रहण किया है. इसके साथ ही अडानी ग्रुप ने विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) इंडस्ट्री में भी अपना कदम रख दिया.
अडानी ग्रुप ने एक बयान में कहा है कि अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की MRO कंपनी एयर वर्क्स में 85.8 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ऐसे एयर वर्क्स कंपनी 1951 में बनी थी, जो वर्तमान में देश की सबसे बड़ी MRO कंपनी है. अभी एयर वर्क्स 35 शहरों में परिचालन देख रही है. इस कंपनी में 1,300 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. यह गोएयर, विस्तारा और इंडिगो जैसी डोमेस्टिक एयरलाइनों के अलावा टर्किश, लुफ्थांसा और एतिहाद जैसी इंटरनेशनल एयरलाइनों को अपनी सेवाएं दे रही है.
ये भी पढ़ें- हफ्ते के पहले दिन ही सोना हुआ महंगा, चांदी की कीमत में भी बंपर उछाल
खास बात यह है कि यह कंपनी डोमेस्टिक और टरनेशनल एयरलाइनों का रखरखाव करने के साथ-साथ एवियोनिक्स, विमान पेंटिंग, आंतरिक नवीनीकरण का भी काम करती है. यह होसुर, मुंबई और कोच्चि में नैरोबॉडी, टर्बोप्रॉप और रोटरी विमानों के लिए बेस का रखरखाव करती है. कंपनी के पास 20 से अधिक देशों के विमानन प्राधिकरणों से विनियामक अनुमोदन भी है, जो इस क्षेत्र में अग्रणी के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करता है.
क्या कहते हैं अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक
अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अडानी ने कहा है कि इस अधिग्रहण से भारत के विमानन उद्योग में क्रांती आ जाएगी. उनके मुताबिक, भारत का विमानन उद्योग पूरे विश्व में तीसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इस इंडस्ट्री में 1,500 से अधिक विमान शामिल करने की योजना है. उन्होंने कहा कि यह अधिग्रहण एक एकीकृत विमानन सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है जो भारत के विमानन बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है. जीत अडानी ने कहा है कि अब हमारा लक्ष्य भारत के आसमान में नए भविष्य का आकार देना है.
नौसेना और वायुसेना के लिए भी करती है काम
खास बात यह है कि एयर वर्क्स केवल प्राइवेट विमानन कंपनियों के लिए ही काम नहीं करती है, बल्कि भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के विमानों का भी रखरखाव करती है. अभी यह नौसेना के पी-8आई विमान और वायु सेना के 737 वीवीआईपी बेड़े की देखरेख कर रही है. इससे इसको रक्षा एमआरओ क्षमताएं बढ़ाने में मदद मिली है. वहीं, अब इस अधिग्रहण से घरेलू एमआरओ क्षमताओं को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है.
ये भी पढ़ें- इस कंपनी को गुजरात में मिला 1,200 करोड़ का सोलर प्रोजेक्ट, फोकस में रखें शेयर