चार दिन में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये घटा, रैकिंग भी आई नीचे

मार्केट कैप में गिरावट के वजह से अडानी ग्रुप की रैंक चौथे स्थान से खिसककर छठे स्थान पर पहुंच गई है. इससे पहले यह समूह टाटा ग्रुप, रिलायंस ग्रुप और एचडीएफसी ग्रुप के बाद चौथे स्थान पर थी.

अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम Image Credit: Canva/PTI

पिछले 4 दिनों में अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली से समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई है. मार्केट कैप में गिरावट के वजह से अडानी ग्रुप की रैंक चौथे स्थान से खिसककर छठे स्थान पर पहुंच गई है. इससे पहले यह समूह टाटा ग्रुप, रिलायंस ग्रुप और एचडीएफसी ग्रुप के बाद चौथे स्थान पर थी.

मार्केट कैप में 45,000 करोड़ रुपये की गिरावट

मंगलवार को अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में 45,000 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई. इसके बाद समूह का कुल मूल्यांकन घटकर 11.39 लाख करोड़ रुपये रह गया. यह बाजाज ग्रुप के 15,000 करोड़ रुपये और ICICI Group से 1,700 करोड़ रुपये पीछे है. इस गिरावट के साथ अडानी ग्रुप का कुल मार्केट कैप अब पिछले एक साल के निचले स्तर पर आ गया है.

दूसरे समूहों की स्थिति

टाटा ग्रुप ₹32.6 लाख करोड़ के साथ शीर्ष स्थान पर बना हुआ है.
रिलायंस ग्रुप का बाजार पूंजीकरण ₹20 लाख करोड़ है.
एचडीएफसी ग्रुप ₹16 लाख करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर है.

विदेशी निवेश पर खतरा

अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों का असर विदेशी निवेश पर भी दिख रहा है. फिच रेटिंग्स ने समूह की पोर्ट यूनिट के डॉलर नोट्स को ‘स्पेक्युलेटिव ग्रेड’ में डाउनग्रेड करने की बात कही है. वहीं, मूडीज ने समूह की सात कंपनियों की रेटिंग का आउटलुक नकारात्मक कर दिया है.

CNBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी ऊर्जा कंपनी टोटल एनर्जी जो अडानी टोटल गैस में समान हिस्सेदारी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 19.8% हिस्सेदारी रखती है, ने घोषणा की है कि जब तक आरोपों का समाधान नहीं हो जाता, वह समूह में कोई नया निवेश नहीं करेगी.

सबसे ज्यादा नुकसान वाली कंपनियां

अडानी समूह की यह गिरावट न केवल उनके मार्केट कैप को कमजोर कर रही है बल्कि उनकी वित्तीय स्थिरता पर भी सवाल खड़े कर रही है.