Adani Merger : ANIL में हुआ समूह की दो सब्सिडियरी का विलय, अब सोलर एनर्जी में तेजी से पैर पसारेगी कंपनी

अडानी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मुंद्रा सोलर टेक को अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) में शामिल कर दिया गया है. अडानी समूह ने मर्जर की जानकारी एक एक्सचेंज फाइलिंग में दी.

अडानी समूह ने दो सब्सिडियरी कंपनियों का किया विलय. Image Credit: Kabir Jhangiani/NurPhoto via Getty Images

अडानी समूह की दो कंपनियों का बुधवार 2 अक्टूबर को अडानी न्यू इंडस्ट्री लिमिटेड यानी एएनआईएल में विलय कर दिया गया. अडानी समूह ने फाइलिंग में कहा, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 233 के नियमों व अन्य प्रावधानों के तहत कंपनी की दो पूर्ण स्वामित्व वाली स्टेप-डाउन सब्सिडियरी अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी लिमिटेड का अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ विलय कर दिया गया है. वहीं, अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड असल में अडाणी एंटरप्राइजेज की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है. इसके साथ ही कंपनी ने फाइलिंग में बताया कि विलय की प्रक्रिया से जुड़ी सभी औपचारिकताओं को 1 अक्टूबर, 2024 को पूरा कर लिया गया है. इस तरह यह विलय 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है.

क्या करती है ANIL

अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के तहत अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी के ग्रीन एनर्जी उत्पाद बनाती है. इसमें सोलर ग्लास, एल्यूमीनियम फ्रेम और बैक शीट का विनिर्माण शामिल है. मोटेतौर पर कंपनी कम कार्बन उत्सर्जन पर केंद्रित परियोजनाएं चला रही है. इसके अलावा ग्रीन हाइड्रोजन, विंड टरबाइन जैसे उत्पाद भी तैयार करती है. फ्रांस की टोटल एनर्जीज की भी एएनआईएल में 25% हिस्सेदारी है.

इंफ्रा और मुंद्रा सोलर का काम

अदाणी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स एक रियल एस्टेट कंपनी है. यह मोटे तौर पर थर्मल और सोलर एनर्जी परियोजनाओं के लिए इंजीनियरिंग, टेक्नो कमर्शियल, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, कंट्रोल और कमीशनिंग सेवा देती है. वहींं, मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी बिजली उत्पादन और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती है.

क्यों किया गया मर्जर

अडानी समूह असल में अब सोलर एनर्जी के क्षेत्र में और ज्यादा पैर पसारना चाहता है. इसके लिए कंपनी सोलर पैनल, बैटरी सहित इस क्षेत्र की ज्यादा से ज्यादा चीजों की लो कॉस्ट सप्लाई चाहती है. खासतौर पर कंपनी सोलर सेल मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग का अपना पूरा इकोसिस्टम तैयार करना चाहती है. इसके लिए ANIL के तहत पॉलिसिलिकन वेफर, सेल एवं मॉड्यूल के साथ ही तमाम कलपुर्जे बनाए जाएंगे. फिलहाल, कंपनी को सोलर एनर्जी से जुड़े कई इक्विपमेंट इंपोर्ट करने पड़ते हैं. इस निर्भरता को खत्म करने के लिए ही यह मर्जर किया गया है.

क्या है कंपनी का आगे का प्लान

अडानी एंटरप्राइजेज अगले सप्ताह क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिये करीब 130 करोड़ डॉलर जुटाने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि यह रकम एएनआईएल के तहत कंपनी के सोलर एनर्जी बिजनेस को बूस्ट करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी. कंपनी ने इसी सिलसिले में पहले ही 2 अरब डॉलर के ग्रीनशू ऑप्शन के लिए अपने बोर्ड से मंजूरी ले रखी है. ऐसे में अगर निवेशकों की तरफ से ज्यादा मांग बाती है, तो कंपनी 200 करोड़ डॉलर तक जुटा सकती है.