UP के इस दिग्गज की कंपनी खरीदने की होड़ में अडानी, वेदांता, GMR- ऐसा क्या है इसके पास, JE ने किया था कमाल
JAL दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. लेकिन अब इसे खरीदने के लिए एक रेस शुरू हुई है और इस रेस में बड़े-बड़े दिग्गज शामिल हैं. जैसे, जेएसडब्ल्यू, दलमिया भारत, अडानी समूह और वेदांता जैसे बिजनेस समूह. लेकिन जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के पास ऐसा क्या है जो इसे खरीदने की होड़ लग गई है.
Jaiprakash Associates Ltd: JSW, Dalmia Bharat, अडानी समूह, जिंदल पावर, वेदांता, Welspun और Torrent ये वो दिग्गज कंपनियां हैं जो एक ऐसी कंपनी को खरीदने के लिए उतावली हो रही हैं जो फिलहाल दिवालिया की प्रक्रिया से गुजर रहा है. ये कंपनी है JAL यानी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड. इसे खरीदने या नीलामी के लिए कई दिग्गजों ने दिलचस्पी दिखाई है और इसके लिए EoI नाम का डॉक्यूमेंट भी जमा किया है.
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, JSW, Dalmia Bharat, Jindal Power, Vedanta, GMR, Welspun और Torrent उन प्रमुख बिजनेस ग्रुप्स में शामिल हैं, जिन्होंने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI) दाखिल किया है. यह प्रक्रिया न्यायालय की निगरानी में चल रहे दिवालिया प्रक्रिया के तहत हो रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप भी 25 मार्च की अंतिम तारीख से पहले EoI जमा कर सकता है, साथ ही दिल्ली के एक बड़े औद्योगिक घराना भी इस रेस में शामिल हो सकता है. इसके अलावा Kotak Alternate Assets भी इस रेस में शामिल है.
JAL, Jaypee ग्रुप का हिस्सा है जिसे जयप्रकाश गौड़ ने शुरू किया था जो एक जमाने में जूनियर इंजीनियर थे.
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JAL के पास ऐसा क्या है?
रिपोर्ट के मुताबिक, JAL के एसेट्स की अनुमानित कीमत 2 अरब डॉलर लगभग 17,300 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है जिसमें:
- 1 करोड़ टन वार्षिक क्षमता वाले सीमेंट प्लांट्स हैं.
- ग्रेटर नोएडा में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, जहां पहले फॉर्मूला वन रेस आयोजित की गई थी.
- नोएडा एक्सप्रेसवे पर 2,500 एकड़ की जमीन.
- एक EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) बिजनेस, जिसके पास बड़े कॉन्ट्रेक्ट्स हैं.
- एक फर्टिलाइजर प्लांट और पांच होटल्स भी हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, JAL को कुल 25 संस्थाओं ने कर्ज दिया है जिनमें ICICI बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और IDBI बैंक शामिल हैं. 12 मार्च को इन्होंने कंपनी के कुल 48,000 करोड़ के कर्ज को नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) को 12,700 करोड़ में बेच दिया था.