अब AWL एग्री बिजनेस के नाम से जानी जाएगी Adani Wilmar, शेयरहोल्डर्स से मिली मंजूरी

कंपनी ने कहा है कि नाम बदलने का फैसला एग्री और फूड सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए लिया गया है. कंपनी ने कहा है कि अडानी विल्मर (अब AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड) फाइनेंशियल ईयर 26 में नए उत्पादों को पेश करने के लिए और मेहनत करेगी.

Adani Wilmar का क्यों बदला गया नाम. Image Credit: Tv9 Network

Adani Wilmar: अडानी ग्रुप की फास्ट-मूविंग कंज्यूमर ग्रुप (FMCG) इकाई अडानी विल्मर ने अपना नाम बदलकर AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड कर लिया है. कंपनी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. उसने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह कदम अपने शेयरहोल्डर्स से मंजूरी मिलने के बाद उठाया गया है. कंपनी ने कहा कि इस रीब्रांडिंग का उद्देश्य कंपनी की पहचान को इसकी मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों और एग्रीबिजनेस इंडस्ट्री में भविष्य की विकास संभावनाओं को बढ़ाना है.

द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रेस नोट में कहा गया है कि कंपनी ने यह फैसला एग्री और फूड सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए लिया है, जो इसके बिजनेस में एक बड़ा बदलाव है. साथ ही प्रेस नोट में ये भी कहा गया है कि AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड किफायती और हाई इंड सेगमेंट को टारगेट करेगा.

ये भी पढ़ें- Gold Price Today: सोना हुआ महंगा, चांदी 500 रुपये सस्ती, भाव 1 लाख से नीचे आया

कंपनी की क्या है तैयारी

कंपनी ने कहा है कि अडानी विल्मर (अब AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड) फाइनेंशियल ईयर 26 में नए उत्पादों को पेश करने के लिए और मेहनत करेगी. यानी वह नए उत्पादों की शुरुआत करने जा रही है, जो किफायती और महंगे दोनों विकल्पों में उपलब्ध होंगे. ये उत्पाद लोगों की रसोई की जरूरतों को पूरा करेंगे.

हरियाणा में बन रही फूड प्रोसेसिंग फैसिलिटी

प्रेस नोट में कहा गया है कि यह कदम शहरी मांग में संभावित बढ़ोतरी से प्रेरित है, जो बजट में दी गई इनकम टैक्स में कटौती से बढ़ेगी. इसके अलावा, कंपनी की पूंजी निवेश रणनीति को गति मिल सकती है. क्योंकि उसकी कई परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें लगभग 1,300 करोड़ रुपये की एक फूड प्रोसेसिंग फैसिलिटी शामिल है. इस फूड प्रोसेसिंग फैसिलिटी का निर्माण साल 2022 से किया जा रहा है जो अब पूरा होने वाला है.

हरियाणा के सोनीपत जिले में स्थित इस फूड प्रोसेसिंग फैसिलिटी में पिछले महीने परिचालन शुरू भी हो गया. यह खाने वाले तेल और अन्य खाद्य पदार्थों का उत्पादन करेगी.

अडानी ग्रुप ने क्यों रद्द की यह योजना

अडानी एंटरप्राइजेज ने अक्टूबर 2024 में अडानी विल्मर के साथ अपने फूड और FMCG व्यवसाय को अलग करने की अपनी योजना को रद्द कर दिया था. कंपनी ने इस फैसले के पीछे न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) जरूरतों का अनुपालन करने की आवश्यकता का हवाला दिया था. विशेष रूप से, 2023-24 में अडानी विल्मर के वार्षिक प्रदर्शन में परिचालन आय, लाभ और शुद्ध लाभ में गिरावट देखी गई. ऐसा तब हुआ जब कंपनी ने Q2 FY24 में अपना अब तक का सबसे अधिक 313 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया.

ये भी पढ़ें- Pi Coin: क्या सच में 500 डॉलर पहुंच सकती है कीमत! जानें कैसे करें इसकी ट्रेडिंग और माइनिंग?