Afcons Infra : लिस्टिंग की सुस्ती छोड़ 11% उछला शेयर, कंपनी को मिला 1,006 करोड़ का प्रोजेक्ट

सोमवार को इश्यू प्राइस से करीब 8% डिस्काउंट पर लिस्ट होने के बाद बाजार बंद होने तक Afcons Infra के शेयर के भाव में 11% का जबरदस्त उछाल आया है. इस उछाल के पीछे कंपनी को मिला एक बड़ा ऑर्डर है. माना जा रहा है कि आईपीओ और लिस्टिंग की सुस्ती के बाद अब यह शेयर अच्छा एक्शन दिखा सकता है.

रॉकेट हुआ ये शेयर Image Credit: sakchai vongsasiripat/Moment/Getty Images

देश के प्रतिष्ठित कारोबारी शापूरजी पालोनजी की कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर का आईपीओ बेहद कमजोर रहा. इसके बाद कमजोर लिस्टिंग हुई. इश्यू प्राइस 463 रुपये की जगह करीब 8% गिरावट के साथ 426 रुपये पर लिस्टिंग हुई. हालांकि, कारोबारी सत्र के अंत में बाजार की गिरावट और कमजोर लिस्टिंग की सुस्ती को छोड़ शेयर ने 11% की बड़ी छलांग मारी है. एक एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने बताया है कि 1006.74 करोड़ रुपये के एक इन्फ्रा प्रोजेक्ट के लिए लोएस्ट बिडर के रूप में चुना गया है.

कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर को भोपाल मेट्रो के फेज 1 के कंस्ट्रक्शन का काम मिला है. मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (MPMRCL) की तरफ से जारी निविदा के तहत कंपनी को ब्लू लाइन वायाडक्ट का निर्माण करना होगा. इसके साथ ही 13 स्टेशन और सुभाष नगर डिपो के लिए रैम्प का निर्माण भी करना होगा. एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस काम के लिए 1006.74 करोड़ रुपये की बिड लगाई थी. यह काम कंपनी को 3 साल की अवधि में पूरा करना होगा.

आईपीओ-मार्केट कैप

एफकॉन्स इंफ्रा का मौजूदा शेयर प्राइस के हिसाब से मार्केट कैप करीब 16,701.10 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, आईपीओ की बात की जाए, तो कंपनी ने आईपीओ के जरिये 5,430 करोड़ रुपये जुटाए हैं. हालांकि, आईपीओ को महज 2.63 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. कंपनी ने सेबी को दिए आवेदन में बताया था क आईपीओ से मिली रकम में से 80 करोड़ रुपये का इस्तेमाल निर्माण उपकरण खरीदने, 320 करोड़ रुपये दीर्घकालिक कार्यशील पूंजी के लिए, 600 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने और शेष राशि सामान्य कंपनी के आम खर्च में किया जाएगा.

ये हैं कंपनी के बड़े काम

Afcons Infra का काम दुनिया के 30 देशों में फैला हुआ है. पिछले एक दशक में कंपनी ने 17 देशों में 50 हजार करोड़ से ज्यादा के 79 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं. भारत में अटल टनल, और चिनाब ब्रिज जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टस में भी कंपनी शामिल रही है. इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के फेज-3 निर्माण में भी कंपनी शामिल रह चुकी है. कानपुर मेट्रो, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट भी तैयार किया है. कंपनी के पांच प्रमुख वर्टिकल हैं. इनमें मरीन और इंडस्ट्रियल, सरफेस ट्रांसपोर्ट, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर, हाइड्रो और अंडरग्राउंड इंफ्रा के साथ ही तेल और गैस प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.