9 साल बाद सरकार ने बंद की Gold Monetisation Scheme, जानें क्या बताई वजह?

केंद्र सरकार ने अपनी गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम यानी GMS को बंद करने का ऐलान किया है. 15 सितंबर, 2015 को शुरू की गई इस योजना का मकसद देश के स्वर्ण आयात में कमी लाना और घरों में पड़े सोने को गतिशील बनाकर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना था.

गोल्ड लीजिंग से गोल्ड पर मिलने वाला रिटर्न बढ़ सकता है Image Credit: freepik

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार 25 मार्च को 9 साल पुरानी स्वर्ण मौद्रीकरण योजना को बंद करने का ऐलान किया है. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि GMS के तहत मीडियम और लॉन्ग टर्म सरकारी जमा यानी MLTGD को बुधवार 26 मार्च से बंद किया जा रहा है. सितंबर 2015 में सोने का आयात घटाने के लिए की शुरू की गई इस योजना के तहत अबतक 31,164 किलोग्राम सोने का मौद्रीकरण किया गया है. वित्त मंत्रालय के स्टेटमेंट के मुताबिक फिलहाल, इस योजना के हिस्से के तौर पर शॉर्ट टर्म डिपोजिट जारी रहेंगे.

क्यों बंद की गई योजना

योजना को बंद करने के पीछे वित्त मंत्रालय ने मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा है कि इस योजना के अब तक के प्रदर्शन और उभरती बाजार व आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इसे बंद करने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के तहत फिलहाल बैंक एक से तीन साल के लिए गोल्ड डिपोजिट ले सकते हैं.

योजना का अब तक का हाल

सरकार को स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत नवंबर, 2024 तक करीब 31,164 किलोग्राम सोना मिला है. सरकार ने देश की सोने की जरूरतों को आयात पर निर्भरता घटाते हुए पूरा करने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत परिवारों और संस्थानों से सोना खरीदा गया. GMS के तहत शॉर्ट टर्म निवेश एक से तीन वर्ष के लिए करना होता है, वहीं मीडियम टर्म के लिए पांच से सात वर्ष और लॉन्ग टर्म के लिए 12 से 15 वर्ष के लिए जमा स्वीकार किया जाता है.

शॉर्ट टर्म डिपोजिट बैंकों के विवेक पर निर्भर

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि MGS के तहत बैंकों की तरफ से शॉर्ट टर्म बैंक डिपोजिट यानी STBD की सुविधा अपने विवेक पर जारी रखने के लिए कहा है. इसके अलावा बैंक इस योजना की अपने स्तर पर वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर सकते हैं. अगर बैंक इसे जारी रखते हैं, तो इस संबंध में रिजर्व बैंक के विस्तृत दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.

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