बिड़ला के आते ही इस पेंट कंपनी के पीछे पड़ गए सब दिग्गज, जानें किस बात की मची है होड़
भारत के पेंटिंग मार्केट में एशियन पेंट का काफी बड़ा हिस्सा है. इसके अलावा कुछ दूसरी कंपनियां भी हैं जिनकी चमक धीरे-धीरे बाहर आ रही थी. लेकिन जब से बिड़ला ने अपनी पेंटिंग कंपनी की शुरुआत की है, उसके बाद से बाकी कंनपियों की मुश्किल बढ़ गई है.
After Birla Opus Paint, other companies in run to acquire stake: भारत में पेंट और कोटिंग मार्केट का साइज तकरीबन 80 हजार करोड़ रुपये का है. 9.38 फीसदी CAGR के आधार पर, 2030 तक यह मार्केट 50-60 फीसदी और बढ़ सकता है. भारत के पेंटिंग मार्केट में एशियन पेंट का काफी बड़ा हिस्सा है.
इसके अलावा कुछ दूसरी कंपनियां भी हैं जिनकी चमक धीरे-धीरे बाहर आ रही थी. इसमें बर्जर पेंट्स, JSW पेंट्स, इंडिगो पेंट्स शामिल हैं. इन कंपनियों का बिजनेस तब-तक ठीक चल रहा था जब तक इस मार्केट में केवल यहीं प्लेयर थे.
क्यों मची होड़?
पिछले साल कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद से इन कंपनियों की मुश्किल काफी बढ़ गई है. दरअसल पिछले साल, आदित्य बिड़ला ग्रुप ने पेंटिंग सेक्टर में एंट्री करते हुए अपने पोर्टफोलियो को बढ़ा दिया है. 2024 में, Birla Opus Paints की लॉन्चिंग हुई. इसके बाद से ही दूसरे प्लेयर की परेशानी बढ़ गई है.
अब बर्जर, जेएसडब्ल्यू और इंडिगो जैसी कंपनियां अपने पैर को मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रही हैं. इसी कड़ी में अब ये प्लेयर्स एक यूरोपियन कंपनी, Akzo Nobel NV के इंडियन सब्सिडियरी (Akzo Nobel India) में हिस्सेदारी खरीदने की भी कोशिश कर रही हैं.
कौन है Akzo Nobel India?
Akzo Nobel NV, यूरोप की सबसे बड़ी पेंट बनाने वाली कंपनी है. इस कंपनी का एक यूनिट भारत में है जिसका नाम Akzo Nobel India है. इस कंपनी में Akzo Nobel NV की 74.76 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं भारत में, पेंट सेक्टर के इंडियन यूनिट का मार्केट कैप 7 फीसदी यानी तकरीबन 17,531 करोड़ रुपये का है. वहीं दूसरी ओर, Dulux Paints की पेरेंट कंपनी Akzo Nobel India है.
Akzo Nobel India में हिस्सेदारी क्यों खरीदना चाहती कंपनियां?
अब मूल सवाल कि आखिर Akzo Nobel India में Pidilite Industries, JSW Paints, Berger और Indigo Paints जैसी छोटी कंपनियां हिस्सेदारी क्यों खरीदना चाहती हैं. इसका सीधा और सरल जवाब, बिड़ला ओपस से टक्कर लेना है. दरअसल पिछले साल, जब बिड़ला ने अपनी पेंट कंपनी की शुरुआत की, उसके बाद से ही इस सेक्टर की छोटी कंपनियों के हालात बड़े नाजुक होने लगे. इनकी शेयरों में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनियां, अगले हफ्ते ANNV जो कि पेरेंट कंपनी है, उसके साथ मैनेजमेंट मीटिंग करने की कोशिश में जुटी हुई है. एशियन पेंट्स के शेयरों में भी पिछले कुछ महीनों से गिरावट का दौर जारी है.
Asian Paints शेयर
कंपनी के शेयर पिछले एक साल से काफी मुश्किल में ट्रेड कर रहा है. शुक्रवार, 25 जनवरी को NSE पर कंपनी के शेयर 0.61 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ बंद हुए जिसके बाद इसके शेयरों का भाव 2262.40 रुपये था. कंपनी अपने 52 वीक लो (2207.80 रुपये) के स्तर के आस-पास पर ट्रेड कर रही है. जबकि इसका 52 वीक हाई 3,394.90 रुपये था.