Amazon पर सस्ते हो जाएंगे 1.2 करोड़ से ज्यादा प्रोडक्ट्स, खत्म होगी रेफरल फीस; ऐसे होगा फायदा
Amazon India: अमेजन इंडिया एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस हटाने जा रहा है, जिससे इन उत्पादों की कीमतें कम हो सकती हैं. यह बदलाव 7 अप्रैल से लागू होगा और छोटे कारोबारियों को मदद पहुंचाएगा.
Amazon India: ई-कॉमर्स अमेजन इंडिया से शॉपिंग करने वालों को राहत मिल सकती है क्योंकि अमेजन एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस हटाने जा रहा है. इसके बाद इन प्रोडक्ट्स की कीमत अमेजन पर घटाई जा सकती है. हालांकि रेफरल फीस केवल उन प्रोडक्ट्स से हटेगी जिनकी कीमत 300 रुपये से कम है. अमेजन इस नए बदलाव को 7 अप्रैल से लागू करने जा रहा है. बता दें कि अमेजन द्वारा ये अब तक की सबसे बड़ी फीस कटौती होगी, जिससे छोटे कारोबारियों को मदद मिलेगी जो अमेजन के प्लेटफॉर्म पर सामान बेचते हैं.
किस तरह के सामान से हटेगी फीस
दरअसल यह फीस माफी 135 से ज्यादा प्रोडक्ट कैटेगरी पर लागू होगी, जिनमें कपड़े, जूते, ज्वेलरी, ग्रॉसरी, होम डेकोर, ब्यूटी, खिलौने और किचन प्रोडक्ट शामिल हैं. अभी तक, इन सामानों पर अमेजन सेलर को हर बिक्री पर कंपनी को कमीशन देना होता है जो हर 2% से 16% तक है.
इसके अलावा, अमेजन इंडिया ने उन सेलर के लिए नेशनल शिपिंग रेट में भी कटौती की है, जो Easy Ship और Seller Flex जैसे बाहरी फुलफिलमेंट चैनल का इस्तेमाल करते हैं. अब यह दर 77 रुपये से घटकर 65 रुपये होगी. 1 किलोग्राम से कम वजन के सामान पर हैंडलिंग फीस भी 17 रुपये तक घटाई जाएगी.
अगर कोई सेलर एक साथ कई प्रोडक्ट्स शिप करता है, तो दूसरी यूनिट की सेलिंग फीस में 90% तक की बचत हो सकती है.
क्यों घटाई फीस
यह फीस कटौती ऐसे समय में आई है जब अमेजन इंडिया पर रेगुलेटरी जांच तेज हो रही है. अगस्त 2024 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने पाया कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अपने प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा सेलर को फायदा पहुंचाकर प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया था.
2020 में शुरू हुई इस जांच में यह भी पाया गया कि दोनों कंपनियों ने अपने मार्केटप्लेस का ढांचा इस तरह बनाया कि कुछ बड़े सेलर को फायदा हुआ, जबकि छोटे सेलर को नुकसान पहुंचा.
अमेजन इंडिया पर फिलहाल 16 लाख से ज्यादा सेलर हैं, जो पूरे देश में सामान बेचते हैं. कंपनी के मुताबिक, इनमें से 90% से ज्यादा सेलर छोटे और मध्यम व्यवसाय (SMBs) हैं, और 50% से ज्यादा टियर 2, 3 और 4 शहरों से आते हैं.