Ambani vs Adani: किसकी होगी मुंबई, अडानी या अंबानी… चल रही सीक्रेट रेस

Ambani vs Adani: अंबानी और अडानी एक बार फिर से आमने-सामने हैं. इस बार दोनों के बीच मुकाबला की धूरी कन्वेंशन सेंटर है. गौतम अडानी अब मुकेश अंबानी के जियो कन्वेंशन सेंटर से बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने की तैयारी में हैं, जिस पर भी की नजरें टिक गई हैं.

मुंबई में आमने-समाने अडानी-अंबानी. Image Credit: Getty image

Ambani vs Adani: देश के दो दिग्गज कारोबारी घराने अंबानी और अडानी (Ambani-Adani) एक बार फिर से आमने-सामने हैं. इस बार मुंबई की जमीन पर लड़ाई कन्वेंशन सेंटरों की है. मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर है, जो मौजूदा समय में शहर का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है. लेकिन जल्दी ही इसे गौतम अडानी के इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से टक्कर मिलने वाली है. कहा जा रहा है कि अडानी का इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर से बड़ा होगा. जियो कन्वेंशन सेंटर को मुंबई के सबसे नए और सबसे शानदार बिजनेस डिस्ट्रिक के रूप में देखा जाता है, लेकिन अडानी इसे चुनौती देने की तैयारी में हैं.

कहां बनेगा अडानी का कन्वेंशन सेंटर

TOI के अनुसार, गौतम अडानी का इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर विले पार्ले में बनेगा. कन्वेंशन सेंटर में दो फाइव स्टार होटल भी होंगे. यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कुछ ही दूरी पर होगा, जिससे मेहमानों को मुंबई की थका देने वाले ट्रैफिक का सामना नहीं करना पड़ेगा और वो आसानी से अपने कॉन्फ्रेंस में भाग ले सकेंगे. मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई में निर्माणाधीन हवाई अड्डा दोनों ही अडानी समूह की कंपनी ऑपरेट करती है. रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर अंबानी के जियो इंटरनेशनल सेंटर से बड़ा होगा. जियो कन्वेंशन सेंटर 1.1 मिलियन स्क्वायर फीट में फैला है, जबकि इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर 1.5 मिलियन वर्ग फीट में फैला होगा.

रिलायंस का कन्वेंशन सेंटर

रिलायंस फाउंडेशन की चेयरमैन नीता अंबानी के बेहतरीन शो और इवेंट लाने की मुहिम के कारण जियो कन्वेंशन सेंटर पहले ही मुंबई के सबसे पसंदीदा मनोरंजन-प्रदर्शनी स्थलों में से एक बन चुका है. इस साल, कन्वेंशन सेंटर ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट की मेजबानी की, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था. पिछले साल मई में तीन G-20 बैठकों का आयोजन भी यहीं हुआ था. अंबानी और अडानी के बीच शुरू हुई इस रेस के बीच, इस चीज को समझना जरूरी है कि तेजी बढ़ते कन्वेंशन सेंटर का कारोबार क्या है.

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कन्वेंशन सेंटर का कारोबार

कन्वेंशन सेंटर के कारोबार पर नजर डालें, तो भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. हर कोई MICE का हिस्सा चाहता है. भारत में MICE (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) मार्केट 2030 तक 10.52 बिलियन अरब डॉलर तक हो सकता है. यह 2024 के 4 अरब डॉलर कारोबार से डबल से भी अधिक है.

पिछले साल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक सम्मेलन-पर्यटन उद्योग में भारत की कभी न इस्तेमाल हुई क्षमता की ओर इशारा किया था. वर्तमान में देश के उद्योग इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 1 फीसदी है. MICE सेक्टर में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, केंद्र सरकार ने एग्जीबिशन-कॉन्फ्रेंस सेंटर्स को शामिल करने के लिए बुनियादी ढांचे की परिभाषा का विस्तार किया है. इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्जीबिशन सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, शंघाई, हांगकांग और सिंगापुर जैसे शहरों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, MICE सेक्टर से सालाना 5,00,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.

अडानी और अंबानी कहां खड़े हैं?

मुंबई के दोनों कन्वेंशन सेंटर, साइज के मामले में भारत की सबसे बड़ी कन्वेंशन फैसिलिटी यशोभूमि के सामने टिक नहीं पाते, जो दिल्ली के द्वाराका में है. 8.9 लाख स्क्वायर मीटर से अधिक कुल प्रोजेक्ट एरिया और 1.8 लाख स्क्वायर मीटर से अधिक के निर्मित क्षेत्र के साथ, यशोभूमि दुनिया की सबसे बड़ी MICE फैसिलिटी में से एक है.

अर्न्स्ट एंड यंग के एग्जीबिशन उद्योग के व्हाइट पेपर के अनुसार, 6,87,783 स्क्वायर मीटर की अनुमानित प्रदर्शनी क्षमता के साथ, भारत जापान (4,47,000 स्क्वायर मीटर), दक्षिण कोरिया (3,07,000 स्क्वायर मीटर), थाईलैंड (2,34,000 स्क्वायर मीटर) और ऑस्ट्रेलिया (1,95,000 स्क्वायर मीटर) से ऊपर है. बेशक, भारत चीन से बहुत पीछे है, जिसके पास 900,000 स्क्वायर मीटर का चौंका देने वाला एग्जीबिशन सेंटर है. भारत के कन्वेंशन सेंटर्स को एशिया भर की के लीडिंग सेंटर से कड़ा मुकाबला करना पड़ता है.

कब तक तैयार हो जाएगा अडानी का कन्वेंशन सेंटर?

मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) ने प्रारंभिक डिजाइन को मंजूरी दे दी है. कन्वेंशन सेंटर के लिए प्रस्तावित साइट के बहुत करीब एक अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन है. एक डिटेल खाका पेश किए जाने के बाद आधिकारियों द्वारा इस प्रोजोक्ट के लिए अंतिम मंजूरी दी जाएगी. अडानी इस कन्वेंशन सेंटर को डेवलप करने के लिए लगभग 2.5 अरब डॉलर का निवेश करेंगे. इसके 2029 तक तैयार होने की उम्मीद है.