नए तेवर में अनिल अंबानी, अब अडानी वाले बिजनेस पर नजर, 10 हजार करोड़ की डील पक्की
रिलायंस पावर का यह कदम आंध्र प्रदेश को रिन्यूएबल एनर्जी हब बनाने और सोलर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. साथ ही रिलायंस पावर के लिए नई शुरुआत और भविष्य में विकास की संभावनाएं बन सकती है.
अपनी कंपनियों का कर्ज चुका कर सुर्खियों में आने वाले अनिल अंबानी अब का ये नया कदम उनकी वापसी का संकेत दे रहा है. अनिल अंबानी की नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस पावर ये बड़ा कदम उठाने जा रही है. कंपनी आंध्र प्रदेश में सोलर प्लांट और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर बड़ा निवेश करेगी. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के सोलर प्रोजेक्ट में कंपनी 10 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करने जा रही है.
10,000 करोड़ का निवेश
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस पावर लिमिटेड आंध्र प्रदेश में सोलर पावर प्लांट और सोलर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी पर 10,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की योजना बना रही है. रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू संटेक प्राइवेट लिमिटेड ने 930 मेगावाट सोलर पावर प्लांट और 1860 मेगावाट बैटरी स्टोरेज कैपेसिटी वाली परियोजना जीती है. यह प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में स्थापित किया जाएगा. कंपनी का दावा है कि एशिया में केवल इस जगह पर सबसे बड़ा सोलर और बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट होगा.
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यह प्रोजेक्ट अगले 24 महीनों में चालू करने की योजना है, जिसे सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर होने के बाद शुरू किया जाएगा. ईटी रिपोर्ट के अनुसार, इससे 1,000 स्थायी नौकरियां और मैन्युफैक्चरिंग में लगभग 5,000 अस्थायी मजदूरों को काम मिलेगा.
सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 6,500 करोड़ का निवेश
ईटी रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी आंध्र प्रदेश में एक सोलर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी पर 6,500 करोड़ का निवेश करेंगे. इसके लिए 1,500 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है. अंबानी ने विशाखापट्टनम के पास रामबिली औद्योगिक क्षेत्र में जमीन का निरीक्षण किया है. इससे पहले, दक्षिणी आंध्र प्रदेश में एक अन्य भूमि का निरीक्षण किया गया था, लेकिन वह फाइनल नहीं हो पाई.
बता दें कि सोलर पावर में निवेश भारत के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को बढ़ावा देगा और रिलायंस पावर के लिए नई शुरुआत और भविष्य में विकास की संभावनाएं बन सकती है.
कर्ज चुका कर अंबानी कर रहे नई शुरुआत
हाल के सालों में अनिल अंबानी ने दिवालियापन का दौर देखा है. लेकिन अब अनिल अंबानी अपना कर्ज चुका रहे हैं. कर्ज का निपटारा Verde Partners नामक फंड की सहायता से किया जा रहा है. फंड ने भविष्य की परियोजनाओं के लिए 500 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त इक्विटी देने का वादा किया है.