अनिल अंबानी कहां से चुका रहे हैं अरबों का कर्ज, कैसे बदल गई किस्मत; जानें इनसाइड स्टोरी

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप को कर्ज और दिवालिया प्रक्रिया की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. लेकिन पिछले हफ्ते समूह ने कुछ ऐसी घोषणाएं की हैं, जो निवेशकों को विश्वास दिला रही हैं कि यह ग्रुप अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है. जानें क्या है रिवाइवल प्लान?

अनिल अंबानी ने ऐसा क्या किया जिससे उनके रिवाइवल की उम्मीद बढ़ गई है Image Credit: Freepik/Canva

अनिल अंबानी वह शख्स जो कभी दुनिया में छठा सबसे अमीर था, लेकिन किस्मत और कुछ गलत फैसलों ने उन्हें ऐसे मोड़ पर ला दिया कि अगर बड़े भाई मुकेश अंबानी मदद नहीं करते तो जेल का दरवाजा रास्ता देख रहा था, दुनिया मान रही थी कि अब अनिल अंबानी का खेल खत्म हो चुका है, लेकिन लगता है कि छोटे अंबानी के दिन फिरने लगे हैं. और वह जिस तरह से अपनी प्रमुख कंपनियों के कर्ज चुका रहे हैं उससे लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अनिल अंबानी फिर से ट्रैक पर आ रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि पिछले 6 महीना में अनिल अंबानी ने ऐसा क्या किया जिससे उनके रिवाइवल की उम्मीद बढ़ गई है.

इन कंपनियों का कर्ज चुकाया

नए साल में रिलायंस पावर ने बताया कि इसकी सहायक कंपनी Sasan Power ने 31 दिसंबर 2024 को IIFCL (यूके) के 150 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाया है. यह बुलेट पेमेंट समय पर करके कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है. Sasan Power मध्य प्रदेश के सासन में 3960 मेगावाट का अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट (UMPP) ऑपरेट करती है. यह दुनिया का सबसे बड़ा कोयला आधारित पावर प्लांट है.

इससे पहले रिलायंस पावर ने घोषणा की थी कि कंपनी ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (VIPL) के लिए गारंटर के रुप में अपनी सभी जिम्मेदारियों का निपटारा कर दिया है. रिलायंस पावर ने सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (CFM) के साथ चल रहे तमाम विवादों का निपटारा कर लिया है. इस समझौते के तहत रिलायंस पावर की तरफ से दी गई कॉर्पोरेट गारंटी के बदले VIPL के 100% शेयर सीएफएम के पास गिरवी रख दिए गए हैं और रिलायंस पावर अपने दायित्वों से मुक्त हो गई है.

इसके अलावा रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने तीन महीने पहले घोषणा की थी कि इन्वेंट असेट सेक्योरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए कुछ सिक्योरिटीज का नवीकरण किया है. वहीं रिलायंस इंफ्रा ने पहले ही एलआईसी, Edelweiss, ICICI और यूनियन बैंक का बकाया चुका दिया है.

इसके बाद रिलायंस इंफ्रा का कर्ज घटकर 475 करोड़ रुपये पर आ चुका है.इस तरह देखा जाए तो कंपनी कर्ज मुक्त होने के बेहद करीब है.

कभी कहा था जीरो है इनकम

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने लंदन की एक अदालत में चल रहे मुकदमे में फरवरी 2020 में दावा किया था कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. यह मामला तीन चीनी बैंकों द्वारा $680 मिलियन (लगभग ₹5,600 करोड़) के बकाया कर्ज की वसूली से जुड़ा था.  

अनिल अंबानी ने कहा था कि उनके शेयर की वैल्यू में बड़ी गिरावट आई है, उन्होंने अदालत को बताया कि उनके निवेश की वैल्यू बुरी तरह गिर चुकी है. तब उनके शेयरों की कुल कीमत सिर्फ $82.4 मिलियन (लगभग ₹680 करोड़) रह गई थी. उन्होंने कहा कि उनकी नेट वर्थ शून्य यानी Zero है, क्योंकि उनकी देनदारियां उनकी संपत्तियों से अधिक हैं. उनके पास कोई संपत्ति नहीं है जिसे बेचकर इस कर्ज को चुकाया जा सकता था.  

ऐसे शुरू हुआ रिवाइवल

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने “विजन 2030: ग्रोथ स्ट्रैटेजी” नामक एक नए प्लान को अंजाम देना शुरु किया है. इसका उद्देश्य समूह की मुख्य कंपनियों, जैसे रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर, को विस्तार के लिए तैयार करना है. इस योजना के तहत 17,600 करोड़ जुटाने का प्लान है और रिलायंस ग्रुप कॉर्पोरेट सेंटर (RGCC) को स्थापित करने की योजना है जो समूह को रणनीतिक गाइडेंस देगा.

फंड जुटाने के प्लान के तहत 4,500 करोड़ प्रेफरेंशियल इक्विटी इश्यू के जरिए जुटाने की योजना है, 7,100 करोड़, वर्डे पार्टनर्स से फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड्स के जरिए जुटाए जाएंगे और 6,000 करोड़ क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट्स से जुटाए जाएंगे.  

ये भी पढ़ें : RIL को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में अडानी पेट्रोकेमिकल्‍स, थाइलैंड की Indorama से मिलाया हाथ

प्रमुख प्रोजेक्ट्स और विस्तार योजनाएं  

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने अपने बैंकों के सभी बकाए चुका दिए हैं. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का स्टैंडअलोन कर्ज 475 करोड़ तक घटा है, और इसकी नेट वर्थ 9,041 करोड़ है.  

अनिल अंबानी की चुनौतियां  

2005 में अपने भाई मुकेश अंबानी से अलग होने के बाद अनिल अंबानी ने फाइनेंशियल सर्विसेज, टेलीकॉम, इन्फ्रास्ट्रक्चर, और एनर्जी सेक्टर संभाले थे हालांकि, पिछले 15 सालों से वे कर्ज और दिवालियापन की चुनौतियों से जूझ रहे हैं.

शेयरों में दिख रही है तेजी

रिलायंस पावर के शेयरों का हाल ऐसा है कि 2021 के बाद से बड़ी गिरावट से शेयर की कीमत धीरे धीरे उठने लगी है. पिछले पांच दिनों में इसके शेयर में 5% की तेजी दर्ज हुई, वहीं पिछले एक साल की बात करें तो इसमें 45% से ज्यादा की तेजी रही. फिलहाल रिलायंस पावर का शेयर 45.73 रुपये के आसपास है, 3 जनवरी को इस शेयर में 1.21% की गिरावट दर्ज हुई थी.

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो इसमें आई बड़ी गिरावट के बाद इसके शेयर भी 2021 से धीरे धीरे उठने लगे. पिछले पांच सत्रों में इसके शेयरों में 8% से ज्यादा की तेजी दर्ज हुई, वहीं पिछले एक साल की बात करें तो इसमें 38% और पिछले पांच सालों में 900% की तेजी आ चुकी है. 3 जनवरी को इसका शेयर 319 रुपये पर बंद हुआ इसमें 1.13% की गिरावट रही थी.

ऐसे गर्दिश में आए थे सितारे

2008 में अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति थे, जिनकी संपत्ति 42 अरब डॉलर की थी. लेकिन कई गलत फैसलों, कानूनी झगड़ों और भारी कर्ज ने उनकी आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया.

बंटवारा: साल 2005 में पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद, अनिल और उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी में कंपनी के नियंत्रण को लेकर विवाद हुआ. फिर बंटवारे में मुकेश को तेल और पेट्रोकेमिकल्स जैसे मजबूत व्यवसाय मिले, जबकि अनिल को टेलीकॉम, ऊर्जा और वित्तीय सेवाओं जैसे नए और जोखिम भरे बिजनेस मिले.  

अनिल की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) ने भारत में सस्ती टेलीकॉम सेवाओं की शुरुआत की. लेकिन मुकेश की रिलायंस जियो ने 4G नेटवर्क में भारी निवेश किया, जिससे टेलीकॉम उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई. उधर RCom को दिवालिया घोषित करना पड़ा.  

अनिल ने बिजली, इंफ्रास्ट्रक्चर और मनोरंजन क्षेत्रों में बड़े निवेश किए, लेकिन ये फैसले सही साबित नहीं हुए. 2005 में Adlabs और 2008 में DreamWorks के साथ एंटरटेनमेंट डील फेल हो गई. यूपी के दादरी गैस प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था.  

अनिल ने अपने विस्तार को बनाए रखने के लिए भारी कर्ज लिया. 2019 में, एरिक्सन का 550 करोड़ का पेमेंट न कर पाने पर उनके जेल जाने की नौबत आ गई. आखिरी वक्त पर मुकेश अंबानी ने उनकी मदद की और यह पैसा चुकाया. तीन चीनी बैंकों ने 680 मिलियन डॉलर के कर्ज के लिए उन्हें लंदन कोर्ट में खींचा.  

उन्होंने अपनी कंपनियों, जैसे Big Cinema, Big Broadcasting, और Big Magic को बेचा, इसके बावजूद, उनकी कंपनियां जैसे Reliance Capital और RCom दिवालिया हो गईं.

लेकिन अब अनिल अंबानी का समूह कई ऐसी घोषणाएं कर रहा है, प्लानिंग कर रहा है जो निवेशकों को विश्वास दिला रही हैं कि यह ग्रुप अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है.