अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा ने घटाया कर्ज, कंपनी के शेयर बने रॉकेट

अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने कर्ज को काफी हद तक कम कर लिया है. कर्ज को 3,831 करोड़ रुपये से घटाकर 475 करोड़ रुपये कर दिया है.

अनिल अंबानी Image Credit: Kapil Patil/HT via Getty Images

अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बड़ी सफलता हासिल की है. कंपनी ने अपने कर्ज को काफी हद तक कम कर लिया है. कंपनी ने अपने स्टैंडअलोन कर्ज को 3,831 करोड़ रुपये से घटाकर 475 करोड़ रुपये कर दिया है. कर्ज में चल रहे अनिल अंबानी अब राहत भरी सांस ले सकेंगे. कंपनी ने कई संस्थानों को बकाया चुका दिया है और एलआईसी के साथ वन टाइम सेटलमेंट भी किया है. इससे रिलायंस इंफ्रा की नेटवर्थ में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. रिलायंस इंफ्रा की नेटवर्थ लगभग 9,041 करोड़ रुपये हो गई है.

कंपनी ने खुद इस बात की घोषणा बुधवार को की. कंपनी ने कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कि अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने अपने स्टैंडअलोन कर्ज में कमी की है, जिससे कर्ज 3,831 करोड़ रुपये से घटकर 475 करोड़ रुपये रह गई है. स्टैंडअलोन कर्ज में कमी आने के चलते कंपनी के शेयर की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला. 18 सितंबर को सुबह 10.15 बजे तक यह बीएसई पर 7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 252.15 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था.

क्या है रिलायंस इंफ्रा के स्टॉक प्राइस का हाल

रिलायंस इंफ्रा के शेयर अभी (01:25 PM) NSE पर 256.84 रुपये पर कारोबार कर रहे है. इस शेयर में आज 9 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी जा रही है. पिछले दो कारोबारी दिवस में इस शेयर में लगभग 20 फीसदी की तेजी देखी जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस इंफ्रा की कुल संपत्ति लगभग 9,041 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है.

इनका लिया कर्ज चुकाया

कंपनी के मुताबिक उसने कई बड़ी कंपनियों के कर्ज चुका दिया है, जिसमें इन्वेंट एआरसी, भारतीय जीवन बीमा निगम , एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक और कई अन्य कर्जदाताओं सहित का बकाया कर्ज दे दिया है. रिलायंस इंफ्रा ने कंपनी द्वारा जारी नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) के संबंध में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के साथ 600 करोड़ रुपये की राशि के लिए ओटीएस भी किया. बता दें कि नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होता हैं. इसके जरिए कंपनियां पब्लिक इश्यू के जरिए पैसा कलेक्ट करने के लिए करती हैं.