धोखाधड़ी पर नकेल कसने के लिए बैंकों ने की तैयारी, करीब 3,000 कंपनियों की बनाई लिस्ट
बैंकों ने करीब 3 हजार ऐसी कंपनियों की लिस्ट तैयार की है जिन पर पहले से धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. इन कंपनियों पर लगातार निगरानी रखने की तैयारी है, साथ बैंक रियल टाइम यानी समय-समय पर कंपनियों की लिस्ट अपडेट करते रहने की भी योजना है.
लगातार हो रही धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए बैंकों ने एक अहम फैसला लिया है. बैंकों ने करीब 3 हजार ऐसी कंपनियों की लिस्ट तैयार की है जिन पर पहले से धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. इन कंपनियों पर लगातार निगरानी रखने की तैयारी है, साथ ही बैंक रियल टाइम यानी समय-समय पर कंपनियों की लिस्ट अपडेट करते रहने की तैयारी में है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन कंपनियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं, उनमें वकील, बिल्डर और कई बड़े पेशे से जुड़े लोग भी शामिल हैं. रिपोर्ट में बैंक कर्मचारी के हवाले से यह दावा किया गया कि फ्रॉड के मामले को लेकर एबीबीएफएफ ने पिछले महीने बैठक की थी, जिसमें यह फैसला लिया गया था कि लेंडर्स को किसी भी कंपनी को लोन देने से पहले, कंपनियों की इस सूची को देखना जरूरी होगा. अगर उसका नाम इन धोखेधड़ी की सूची में पहले से होगा तो. उनसे किसी भी प्रकार से जुड़ने से बचना होगा. इसके साथ ही बैठक में सूची को फ्रॉड के मामलों के साथ ही तुरंत अपडेट करने पर भी चर्चा हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक आरबीआई की ओर से जारी नए धोखाधड़ी से जुड़ी गाइडलाइंस पर काम कर रहे हैं, इन सूचियों में और बढ़ोतरी हो सकती है.
आरबीआई ने किया था अगाह
बैंकों में हो रही धोखाधड़ी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहले ही इसके बारे में सचेत किया था. आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पिछले तीन वर्षों में निजी क्षेत्र के बैंकों में हो रही धोखाधड़ी की सूचना दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पैसों के मामले में सबसे अधिक फ्रॉड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हुआ है, जिसमें ज्यादातर मामलों में धोखाधड़ी कार्ड और डिजिटली तौर पर पेमेंट करने में हुई है. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में वैल्यू के हिसाब से दर्ज किए मामलों में 89.2 प्रतिशत मामले पिछले वित्तीय वर्ष से जुड़े हैं.