बैंकों का NPA 13 साल के निचले स्तर पर, प्रॉफिट में हुई बढ़ोतरी: RBI

RBI की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मजबूत आर्थिक और वित्तीय बुनियाद ने बैंकिंग और NBFC क्षेत्र को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की है. बैंकों और NBFCs की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, कर्ज डूबने की दर में कमी हुई है.

कमर्शियल बैंकों का नेट प्रॉफिट बढ़ा Image Credit: Getty Images Editorial

भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में बैंकों की मुनाफाखोरी लगातार छठे साल बढ़ी है. इसके साथ ही बैंकों का ग्रॉस एनपीए यानी वो कर्ज जिसके अब वसूले जाने की संभावना खत्म हो गई उसका अनुपात घटकर 13 साल के निचले स्तर 2.7 फीसदी पर आ गया है.  

बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों के मुनाफे में इजाफा हुआ है, बैंकों की रिटर्न ऑन एसेट (RoA) 2023-24 में 1.4% रही और रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 14.6% पर पहुंच गई है. इसके अलावा एनपीए में कमी आई है. मार्च 2024 के अंत तक बैंकों का GNPA अनुपात 2.7% और सितंबर 2024 के अंत तक 2.5% पर आ गया है, जो 13 साल का सबसे निचला स्तर है. इसके अलावा कैपिटल पोजीशन मजबूत हुई है.

NBFC क्षेत्र का प्रदर्शन कैसा रहा?  

रिपोर्ट के मुताबिक, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी यानी NBFCs ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है. NBFCs के क्रेडिट में ग्रोथ आई है, इनका क्रेडिट तेजी से बढ़ा है. इनके एनपीए में भी कमी आई है. सितंबर 2024 के अंत तक NBFCs का GNPA अनुपात घटकर 3.4% पर आ गया है. इसके अलावा NBFCs की पूंजी स्थिति मजबूत रही.

बैंकों का वित्तीय प्रदर्शन कैसा रहा?

एचडीएफसी जैसे कमर्शियल बैंकों की बात करें तो इनका नेट प्रॉफिट 32.8% बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 3,49,603 करोड़ रुपये हो गया है. इन कमर्शियल बैंक्स की कुल बैलेंस शीट 2023-24 में 15.5% बढ़ी है, जो 2022-23 में 12.2% की तुलना में अधिक है.  

मार्च 2024 के अंत तक भारत के कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र में कुल 141 बैंक हैं:  

इनमें से 141 बैंकों में से 137 को शेड्यूल बैंक और 4 को नॉन शेड्यूल बैंक के रूप में वर्गीकृत किया गया है.