बंद हो रहे ATM, बैंकों ने कर दिया खेल – जानें क्या है माजरा?

भारत में ATM की संख्या कम हो गई है, पिछले 4 साल में 10 फीसदी ATM कम हो गए हैं. भारत में आज की तारीख में कितने ATM हैं? और कितना ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हो रहा है?

आरबीआई ने एटीएम में कैश रिफंड सिस्टम की सुविधा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जहां समय पर नकद नहीं लेने पर मशीन कैश वापस ले लेगी. यह तकनीक धोखाधड़ी रोकने और ग्राहकों के पैसे सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई है. इसे पहले उन एटीएम में लागू किया जाएगा जहां धोखाधड़ी की संभावना अधिक है. Image Credit: Canva

कैश निकालने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानी ATMs की संख्या कम होती जा रही है. इसकी बड़ी वजह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन है. आजकल हर कोई QR कोड स्कैन कर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहा है. ऐसे में बैंकों के लिए ATM रखना घाटे का सौदा बनता जा रहा है. तो फिलहाल भारत में कुल कितने ATMs लगे हुए हैं? इनमें कितनी कमी आई है? और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन/यूपीआई (Online Transactions/UPI) कितना बढ़ गया है? चलिए सब जानते हैं.

कितने कम हो गए ATMs?

सितंबर 2024 की तुलना सितंबर 2023 से करने पर ATMs की संख्या में गिरावट देखने को मिलती है. RBI के अनुसार, सितंबर 2023 कुल ATMs की संख्या 2,19,281 थी जो सितंबर 2024 में घटकर 2,15,767 हो गई है यानी 1.6% ATMs कम हो गए हैं. हालांकि ये कोई बहुत बड़ी गिरावट नहीं है लेकिन इस गिरावट से पता चलता है कि बैंक ATMs पर ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते. लेकिन आपको यह भी बता दें कि 2023 से पहले ATM की संख्या में मामूली बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद अब गिरावट देखने को मिल रही है.

बैंक की नजर में ATM भी दो तरीकों का होता है. एक वो जो ऑन साइट है यानी जहां-जहां बैंक की ब्रांच वहां ATM. दूसरा, ऑफ साइट ATM. ये बैंक के अलावा किसी मॉल या कहीं और लगाए गए ATM होते हैं.

आंकड़े बताते हैं कि ऑफ साइट ATM की संख्या में पिछले चार सालों से गिरावट जारी है. ये बड़ी बात है. RBI के अनुसार:

  • सितंबर 2021 में ऑफ साइट ATM 97,383 थे,
  • सिंतबर 2022 में ऑफ साइट ATM 97,072 हो गए,
  • सिंतबर 2020 में ऑफ साइट ATM 93,751 रह गए,
  • और सितंबर 2024 में ऑफ साइट ATM 87,838 ही हैं.

इसका मतलब 2021 के मुकाबले 2024 में ऑफ साइट ATM की संख्या लगभग 10% घट गई.

ATM को इंस्टॉल करने के लिए बैंक को काफी पैसा खर्च करना पड़ता है, जैसे ATM के लिए जगह लेनी होती है, सिक्योरिटी रखनी पड़ती है, लगातार कैश रिफिल करना होता है. हालांकि यहां से ATM की कहानी आगे बढ़ेगी या कम होते जाएगी यह देखने वाली बात होगी. दूसरी तरफ ऑनलाइन पेमेंट का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है.

कितना बढ़ गया ऑनलाइन ट्रांजेक्शन?

आपके आसपास ही देखिए ATM से पैसा निकालने वाले कितना लोग हैं और ऑनलाइन पेमेंट करने वाले कितने? UPI के जन्म के बाद से ऑनलाइन पेमेंट में भूचाल सा आ गया है. RBI के आंकड़े बताते हैं:

  • 2019-20 में 3,40,026 लाख करोड़ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हुए,
  • 2020-21 में यह बढ़कर 4,37,445 लाख करोड़ ट्रांजेक्शन हुए,
  • 2021-22 में यह तेजी से बढ़कर 7,19,531 लाख करोड़ ट्रांजेक्शन हुए,
  • 2022-23 में यह ट्रांजेक्शन 11,39,476 लाख करोड़ रहे,
  • 2023-24 में ट्रांजेक्शन 16,44,302 लाख करोड़ हो गए, इनमें अकेले UPI से 13,11,295 लाख करोड़ ट्रांजेक्शन हुए,
  • और जुलाई 2024 में अकेले यूपीआई से 20 लाख करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन हुए हैं.