BharatPe और अश्नीर ग्रोवर के बीच खत्म हुआ पुराना विवाद, इन शर्तों पर बनी बात
भारतपे और उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर दोनों ने समझौता कर लिया है. जिससे उनके बीच चल रहे विवाद पर विराम लग गया है. अब अश्नीर किसी भी तरह से भारतपे का हिस्सा नहीं रहेंगे.
फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के बीच चल रहा पुराना विवाद आखिरकार खत्म हो गया है. दोनों ने समझौता कर लिया है. हालांकि इसमें कुछ शर्तों को शामिल किया गया है, जिसके तहत अश्नीर ग्रोवर अभी किसी भी तरह से भारतपे से जुड़े नहीं रहेंगे और न ही उनकी कंपनी में कोई हिस्सेदारी रहेगी. अश्नीर ग्रोवर के मौजूद शेयर होल्डिंग्स रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को ट्रांसफर किए जाएंगे. बाकी बचे शेयरों का प्रबंधन उनके पारिवारिक ट्रस्ट की ओर से किया जाएगा.
भारतपे के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि समझौते के तहत अश्नीर ग्रोवर किसी भी रूप में अब भारतपे का हिस्सा नहीं रहेंगे और न ही कंपनी की शेयरधारिता में उनका हिस्सा होगा. कंपनी के एक करीबी सूत्र का कहना है कि अश्नीर अपनी हिस्सेदारी का 1.4% हिस्सा भारतपे बोर्ड को ट्रांसफर करेंगे, जबकि शेष 3.5-3.7% हिस्सा पारिवारिक ट्रस्ट को जाएगा. इसके अलावा वह भारतपे के सह-संस्थापक भाविक कोलाडिया को भी शेयर लौटाएंगे. इस तरह से वह कंपनी से पूरी तरह से अलग हो जाएंगे.
क्या था विवाद?
भारतपे ने अश्नीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था. कंपनी का आरोप था कि उन्होंने भारतपे की संपत्तियों का दुरुपयोग किया है और खर्चों में हेरफेर की है. इतना ही नहीं उन पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गलत बर्ताव करने और समझौते का उल्लंघन करते हुए कंपनी की गोपनीय जानकारी का खुलासा सोशल मीडिया पर करने का भी आरोप लगाया गया था. भारतपे ने दिसंबर 2022 में 5 आरोपियों – अशनीर ग्रोवर, माधुरी ग्रोवर, श्वेतांक जैन (माधुरी के भाई), सुरेश जैन (अशनीर के ससुर) और दीपक गुप्ता (अशनीर और माधुरी के बहनोई) के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की थी. EOW ने 81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और उनके परिवार के सदस्यों दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन के खिलाफ मई 2023 में एफआईआर दर्ज की थी.