औंधे मुंह गिरा सोना! रातों रात 2700 रुपये हुआ सस्ता, क्या 57 हजार की बात हो जाएगी सच?

Gold Rate रिकॉर्ड हाई के बाद औधे मुंह गिरे हैं. बुधवार को स्पॉट गोल्ड में मॉर्निंग सेशन में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह एक दिन के लिहाज से बड़ी गिरावट है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सोने के भाव में रिवर्सल का ट्रैंड शुरू हो गया है और क्या वाकई मॉर्निंग स्टार के प्रेडिक्शन के हिसाब से भाव 50-60 हजार की रेंज में लौट आएंगे?

सोने के दाम में गिरावट Image Credit: freepik

Gold Rate में बुधवार को रिकॉर्ड हाई से 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. Akshaya Tritiya 2025 से महज सात दिन पहले Gold Price में आई यह गिरावट उन अनुमानों के प्रति उम्मीद बढ़ाने वाली है, जिनके मुताबिक इस साल सोने का भाव 50-60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की रेंज में लौट आने का दावा किया गया है. इंडियन बुलियन एंड जुलर्स एसोसिएशन के हिसाब से मंगलवार को देश में 24 कैरेट 99.9 प्योरिटी वाले गोल्ड का भाव 98,484 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा. वहीं, बुधवार 23 अप्रैल को करीब 3 फीसदी की गिरावट के साथ दाम 95,784 पर आ गया. इस तरह सोने के भाव में ऑल टाइम हाई के बाद रातों रात 2,700 रुपये की कमी आई है. ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक टैक्स मिलाकर राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सोने का भाव 1,01,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर रहा. वहीं, बुधवार को सुबह के सत्र में गोल्ड प्राइस में 2.72 फीसदी से ज्यादा की गिरावट हुई है.

ये हैं गिरावट के चार कारण

सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद सोने के दाम में आई नरमी के पीछे चार बड़े कारण हैं.

  1. पहला कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ को लेकर चीन से बातचीत करने का संकेत दिया गया है.
  2. दूसरा कारण, अमेरिकी केंद्रीय बैंक के प्रमुख जेरोम पॉवेल को लेकर भी ट्रंप ने अपना रुख साफ कर दिया है कि भले ही उनके साथ मतभेद हैं, लेकिन वे उन्हें पद से नहीं हटाने वाले हैं.
  3. तीसरा बड़ा कारण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से यूक्रेन में शांति के बात करने की इच्छा व्यक्त करना है.
  4. चौथा कारण शीर्ष स्तर से हुई मुनाफावसूली है. एनालिस्टों का मानना है कि टैरिफ से लेकर यूक्रेन तक पॉजिटिव संकेतों के चलते शीर्ष स्तर से मुनाफावसूली की वजह से गोल्ड प्राइस पर दबाव है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी कहते हैं, सोने का भाव कॉमेक्स पर 3500 डॉलर प्रति आउंस के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने और घरेलू बाजार में 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से पार जाने के बाद बुधवार को एक डाउनट्रेंड देखने को मिला है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंंप की तरफ से चीन के साथ टैरिफ को लेकर बात करने का संकेत है. इसके अलावा ट्रंप ने उनके कहने के बाद भी ब्याज दरों में कटौती नहीं वाले केंद्रीय बैंक प्रमुख जेरोम पॉवेल पर भी नरम रुख दिखाया है, जिससे निवेशकों को अमेरिकी इकोनॉमी में भरोसा बढ़ा है. यह बड़ी वजह है कि अस्थिरता के खिलाफ हेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली धातु में निवेशकों की रुचि कम हुई है. इसके अलावा पुतिन की तरफ से शांति वार्ता के संकेत भी निवेशकों के लिए पॉजिटिव संकेत है.

मुनाफा वसूली भी वजह

मानव मोदी का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ शांति समझौते तक पहुंचने के प्रयासों के तहत यूक्रेन पर आक्रमण को रोकने की भी पेशकश की है. पॉजिटिव सेंटिमेंट के बीच ऊपरी लेवल से मुनाफावसूली भी हुई है.

कब खत्म होगी गोल्ड की पार्टी

ब्रोकरेज फर्म वेंचुरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही सोने के दाम में इस साल अब तक करीब 28 फीसदी की तेजी आ चुकी है. लेकिन, गोल्ड प्राइस में फिलहाल लॉन्ग लास्टिंग डाउनट्रेंड नहीं दिख रहा है. हालांकि, हिस्टोरिकल डाटा इस बात की तरफ इशारा करता है कि मई-जून में सोने के भाव में कंसोलिडेशन आएगा और हल्का करेक्शन देखने को मिल सकता है. लेकिन, भाव 94 हजार से नीचे जाते हुए नहीं दिखते हैं.

क्या है 60 हजार की भविष्यवाणी

अमेरिकी मार्केट रिसर्च फर्म मॉर्निंस्टार के स्ट्रैटिजिस्ट व एनालिस्ट जॉन मिल्स ने अप्रैल के पहले सप्ताह में यह दावा किया था कि सोने के दाम में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ सकती है. मिल्स के मुताबिक सोने का भाव 1,820 डॉलर प्रति आउंस यानी करीब 56 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिरने का अनुमान व्यक्ति किया है.

क्यों गिरेगी सोने की कीमत

मिल्स ने सोने की कीमतों में गिरावट के कई कारण बताए हैं. इन कारणों में यूक्रेन युद्ध खत्म होने की संभावना, टैरिफ वार खत्म होने की संभावनाओं के साथ ही डिमांड और सप्लाई को भी कारण बताया गया है.

  1. मिल्स के मुताबिक सोने का उत्पादन बढ़ गया है. सोने का खनन लाभ 2024 की दूसरी तिमाही में 950 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच गया है. इसके अलावा इसका वैश्विक भंडार 9% बढ़कर 2,16,265 टन हो गया है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उत्पादन में बढ़ने और रिसाइकल सोना बढ़ने से कुल आपूर्ति बढ़ी है.
  2. मिल्स ने दूसरा बड़ा कारण मांग में गिरावट को बताया है. मिल्स के मुताबिक केंद्रीय बैंकों ने जिन्होंने पिछले साल 1,045 टन सोना खरीदा था. लेकिन, इस साल बैंकों की तरफ से सोने की खरीद कम हो सकती है.
  3. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 71% केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को कम करने मौजूदा स्थिति में बनाए रखने की योजना बना रहे हैं.

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