गौतम अडानी पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप, अमेरिका में दर्ज हुआ मामला
अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने बुधवार को बताया कि अडानी समूह के अरबपति चेयरमैन और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक गौतम अडानी पर अरबों डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी के मामले में उनकी भूमिका के लिए न्यूयॉर्क में अभियोग लगाया गया है.
अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर अमेरिका में अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है. SEC ने बुधवार को बताया कि अडानी समूह के अरबपति चेयरमैन और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक गौतम अडानी पर अरबों डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी की योजना में उनकी भूमिका के लिए न्यूयॉर्क में अभियोग लगाया गया है. SEC के अनुसार, अडानी समूह ने सोलर एनर्जी से जुड़े कंट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी.
रिश्वत देने का आरोप
इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगे हैं. SEC के अनुसार, अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य ने सोलर एनर्जी सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी. इससे उन्हें 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर का मुनाफा होने की उम्मीद है. SEC की शिकायत में कहा गया कि ये लोग फेडरल सिक्योरिटीज कानूनों के एंटी-फ्रॉड प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे.
भ्रामक बयानों से फंड जुटाने का आरोप
SEC के अनुसार, सिक्योरिटीज और वायर धोखाधड़ी करने की साजिश के साथ-साथ सिक्योरिटीज फ्रॉड के आरोप लगाए गए हैं. ये झूठे और भ्रामक बयानों के जरिए अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से फंड हासिल करने के अरबों डॉलर के मामले से जुडे हैं.
अमेरिकी निवेशकों से जुटाएं पैसे
SEC ने एक बयान में कहा कि अडानी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए और एज्योर पावर के स्टॉक का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया गया. न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने अडानी और सागर अडानी, कैबनेस, अडानी ग्रीन और एज्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोपों को उजागर किया.
जांच में बाधा डालने के भी आरोप
एफबीआई के सहायक निदेशक जेम्स डेनेही के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर जांच में बाधा डालने की भी कोशिश की. डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर ने कहा कि भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन यूएस डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, अरबों डॉलर जुटाने के लिए निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलने और न्याय में बाधा डालने का भी आरोप है.
जस्टिस डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया कि कई मौकों पर, अडानी ने रिश्वत की प्लानिंग को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मुलाकात की और अन्य शामिल लोगों ने इसके क्रियान्वयन के पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एक-दूसरे के साथ व्यक्तिगत बैठकें कीं.
अडानी समूह ने इस आरोप को निराधार बताया है. समूह ने कहा कि अडानी ग्रीन के डायरेक्टर्स के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं. हम उनका खंडन करते हैं.