बिकने जा रही थी कंपनी, TATA ने ऑफर किए थे 7000 करोड़, ‘एक्वा किंग’ की बेटी ने ऐसे बदली Bisleri की तकदीर

बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने अपनी बेटी जयंती चौहान को कंपनी संभालने का मौका दिया, जिन्होंने टाटा ग्रुप के 7,000 करोड़ के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और बिसलेरी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. जयंती के नेतृत्व में, बिसलेरी ने अपने रेवेन्यू में वृद्धि की और अपने ब्रांड को मजबूत बनाया, जिससे वह भारत के पैकेज्ड वॉटर मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी बनी हुई है.

जयंती चौहान बिसलेरी कंपनी की वाइस चेयरपर्सन हैं Image Credit: bisleri website

रतन टाटा, बिजनेस की दुनिया का ऐसा नाम जिनका निधन साल 2024 में इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है. जब भारत के सबसे बड़े पैकेज्ड वॉटर ब्रांड बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने साल 2022 में अपने बिजनेस को बेचने का फैसला किया था, तब सभी को लगा कि यह डील टाटा ग्रुप के साथ आसानी से हो ही जाएगी. लेकिन डील हो न सकी क्योंकि कहानी में एक ऐसा मोड़ आया जिसने न केवल बिजनेस की दुनिया को चौंका दिया, बल्कि चौहान की बेटी जयंती की लीडरशिप को भी सबके सामने ला दिया.  

रमेश चौहान और बिसलेरी की कहानी  

“एक्वा किंग” के नाम से मशहूर रमेश चौहान ने बिसलेरी को एक ऐसा ब्रांड बना दिया, जो लगभग हर घर में जाना जाता है. पांच दशकों तक कंपनी को सफलता के साथ चलाने के बाद, उनकी उम्र बढ़ने के साथ उन्होंने कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज से दूरी बनानी शुरू कर दी. उनकी इकलौती बेटी जयंती चौहान पहले इस बिजनेस को लेकर कोई खास उत्सुक नहीं थी, लेकिन जब बात बिसलेरी को बेचने की आई तब सब कुछ बदल गया.  

बिसलेरी, जो भारत के पैकेज्ड वॉटर मार्केट का 32% हिस्सा रखता है, न केवल एक बड़ा ब्रांड है बल्कि इसके पास 122 प्लांट्स और 4,500 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर का बड़ा नेटवर्क भी है. जब कंपनी का बिकना लगभग तय माना जा रहा था तब कई बड़ी कंपनियां इसे खरीदने के लिए आगे भी आईं थी.

टाटा ग्रुप और जयंती चौहान का बड़ा फैसला

अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने वाले बड़े समूह टाटा ग्रुप ने बिसलेरी को खरीदने के लिए 7,000 करोड़ की पेशकश की थी. यह रकम काफी बड़ी और आकर्षक भी थी. लेकिन जब सभी को लगा कि यह डील हो ही जाएगी, तो जयंती चौहान ने एक चौंकाने वाला फैसला ले लिया. उन्होंने टाटा ग्रुप के प्रस्ताव को ही ठुकरा दिया और खुद कंपनी को संभालने का फैसला ले लिया.  

यह फैसला उनके करियर का एक बड़ा और साहसिक कदम था. उन्होंने यह ठाना कि बिसलेरी को स्वतंत्र बनाए रखेंगी और इसे एक नई ऊंचाई पर लेकर जाएंगी.  

बिसलेरी की नई ऊंचाई पर ले गई जयंती चौहान

जयंती के नेतृत्व में, बिसलेरी ने न केवल बाजार की चुनौतियों का सामना किया, बल्कि खुद को फिर से मजबूत किया. वित्त वर्ष 2022-23 में बिसलेरी ने ₹2,300 करोड़ का रेवेन्यू कमाया जो जिससे पता चलता है कि कंपनी की बिजनेस करने को लेकर समझ मजबूत है.  

जयंती की लीडरशिप में परंपरा और मॉर्डन दोनों तरह के रुख देखने को मिले. जयंती ने कई नई पहल शुरू की, जैसे बिसलेरी के प्रोडक्ट रेंज को बढ़ाना, युवा ग्राहकों से गहरा रिश्ता बनाना, सस्टेनेबिलिटी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर फोकस करना और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रांड का विस्तार करना है.

इन सबने न केवल बिसलेरी की बाजार में पकड़ मजबूत की, बल्कि मुनाफा भी बढ़ाया.

बता दें कि, जयंती चौहान रमेश चौहान की इकलौती बेटी हैं. दिल्ली में पली-बढ़ीं जयंती ने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं पूरी की और फिर मुंबई में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग (FIDM), लॉस एंजेलेस और न्यूयॉर्क से हायर स्टडी पूरी की है. जयंती फिलहाल कंपनी की वाइस चेयरपर्सन हैं.

हालांकि जयंती का बैकग्राउंड फैशन और डिजाइन से जुड़ा था, लेकिन उन्होंने जब बिसलेरी की संभावनाओं को पहचाना, तो उन्होंने इसे एक नई दिशा देने का फैसला किया. आज उनकी दूरदृष्टि और मेहनत ने बिसलेरी को एक नई पहचान दी है.