Blinkit की जॉब पोस्ट पर एक दिन में 13,451 आवेदन, सोशल मीडिया में बेरोजगारी की सच्चाई पर छिड़ी बहस

Blinkit की एक जॉब पोस्टिंग ने ऑनलाइन बहस छेड़ दी, जब सिर्फ एक दिन में 13,451 आवेदन मिले. स्क्रीनशॉट के अनुसार, 86 फीसदी आवेदकों के पास बैचलर डिग्री और 12 फीसदी के पास मास्टर डिग्री थी. इस घटना ने भारतीय जॉब मार्केट की स्थिति पर बहस शुरू कर दी. कई यूजर्स ने इसको मार्केट की सच्चाई बताया, जबकि कुछ ने मजाक में खुद भी आवेदन करने की बात कही.

ब्लिंकिट में नौकरी के लिए वैकेंसी. Image Credit: blinkit.com

Zomato की क्विक कॉमर्स शाखा Blinkit की एक जॉब पोस्टिंग ने ऑनलाइन बहस छेड़ दी है. कंपनी ने बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के लिए LinkedIn पर एक जॉब पोस्ट डाली, जिसकी स्क्रीनशॉट एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर शेयर की. इस स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि इस पोस्ट को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, सिर्फ एक दिन में 13,451 आवेदन आ गए. अब यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और कई यूजर्स ने भारत के जॉब मार्केट की स्थिति पर चर्चा शुरू कर दी.

स्क्रीनशॉट में आवेदकों के शैक्षणिक डेटा का खुलासा हुआ है. इसमें कहा गया कि 86 फीसदी आवेदकों के पास बैचलर डिग्री थी, जबकि 12 फीसदी ने मास्टर डिग्री हासिल की थी. इसके अलावा, 100 से ज्यादा आवेदकों के पास MBA डिग्री भी थी. डेटा से यह भी पता चला कि ज्यादातर आवेदक एंट्री-लेवल प्रोफेशनल्स थे, जिनकी संख्या 74 फीसदी थी, जबकि 13 प्रतिशत आवेदक सीनियर-लेवल प्रोफेशनल्स थे.

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जॉब मार्केट पर बहस छेड़ दी है

इस पोस्ट ने भारत में गिरते जॉब मार्केट पर बहस छेड़ दी है. कई यूजर्स ने इस पर चुटकी लेते हुए खुद भी आवेदन करने की बात कही है. एक यूजर ने लिखा कि यह जॉब मार्केट की हकीकत बयां करता है. वहीं, दूसरे ने कहा कि अभी के बाजार की दुखद सच्चाई है. इस पोस्ट को सबसे पहले शेयर करने वाले व्यक्ति ने मजाक में लिखा कि मुझे नहीं लगता कि इसे दूसरे दिन तक जारी रखना चाहिए.

कुछ यूजर्स ने हंसी-मजाक करते हुए कहा कि वे भी आवेदन करना चाहते हैं. एक ने लिखा कि लिंक दो ताकि मैं इसे 13,452 कर सकूं. वहीं, दूसरे ने कहा कि मुझे लिंक भेजो, मैं भी अप्लाई करूंगा.

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सही कैंडिडेट चुनना नामुमकिन

जबकि, एक यूजर ने चिंता जताते हुए लिखा कि यह दुखद है, क्योंकि यह सिर्फ रिज्यूमे की प्रतिस्पर्धा बन गई है. भर्ती में सिर्फ स्किल्स नहीं, बल्कि व्यक्ति के कैरेक्टर की भी अहमियत होती है. एक मजबूत व्यक्तित्व वाला व्यक्ति ज्यादा हासिल कर सकता है, बजाय किसी पीएचडी धारक के, जिसका रवैया खराब हो. 13,000 से ज्यादा आवेदनों में से सही कैंडिडेट चुनना लगभग नामुमकिन है. वहीं, एक अन्य यूजर ने मजाकिया लहजे में कहा कि इससे अच्छा तो खुद की कंपनी शुरू कर लो, नौकरी मिलने से ज्यादा चांस इसमें सफल होने के हैं.