Blinkit ने Dmart और Reliance को ला दिया जमीन पर! ये ’10 मिनट’ 2025 में किराना बाजार पर पड़ेंगे भारी
Blinkit, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म भारतीय रिटेल बाजार में तेजी से आगे बढ़ रहा है, और यह किराना स्टोर्स और मॉडर्न रिटेल चेन्स जैसे कि Dmart आदि को कड़ी टक्कर दे रहा है. ब्लिंकिट की 10-20 मिनट में डिलीवरी करने की क्षमता ने इसे बहुत सारे ग्राहकों का पसंदीदा ऑप्शन बना दिया है.
साल 2024 में रिटेल मार्केट में एक नया खिलाड़ी तेजी से उभरने लगा, ये 10 मिनट में बाजार से लगभग हर सामान की डिलीवरी घर तक कर देता है. फिर किसी को 10 रुपये की चॉकलेट चाहिए हो या आधार कार्ड का प्रिंट. इसने क्विक कॉमर्स की दुनिया में भी खलबली मचा दी. जेप्टो-स्विगी इंस्टा मार्ट, इसे टक्कर नहीं दे पाए. आप सही समझे. हम बात कर रहे हैं Blinkit की. ब्लिंकिट देश के बड़े रिटेल चेंस जैसे कि Dmart, Reliance Fresh और अन्य को टक्कर दे रही है. चलिए जानते हैं कैसे क्विक कॉमर्स के सेक्टर में ब्लिंकिट रॉकेट की स्पीड से आगे बढ़ रही है…
क्विक कॉमर्स सेक्टर किराने के सामान को 10-20 मिनट के अंदर डिलीवर करता है. इसमें डार्क स्टोर्स यानी छोटे वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स का इस्तेमाल होता है. Blinkit इस मार्केट का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है, जिसने रिटेल बाजार पर एक बड़ा असर डाला है.
Datum Research के मुताबिक, फिलहाल किराने के सामान की बिक्री 616 अरब डॉलर को पार कर गई है और 2028 तक ये 818 अरब डॉलर को पार कर सकती है.
अब ये समझिए कि एक किराना स्टोर और ऑनलाइन स्टोर से औसतन कितने रुपये की खरीदारी होती है. डेटम के आंकड़े बताते हैं कि किराने की दुकान से 100-200 रुपये की औसतन खरीदारी होती है, क्विक कॉमर्स से 500-600 रुपये की, शेड्यूल्ड ग्रॉसरी जैसे बिग बास्केट, अमेजॉन फ्रेश से 1000-1200 रुपये और मॉडर्न रिटेल जैसे Dmart, आदि से 2000 रुपये से ज्यादा.
Blinkit का मार्केट ग्रोथ
Blinkit ने तेज ग्रोथ देखी है. इसका औसत ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू यानी GOV 5.28 करोड़ (Q1 FY23) से बढ़कर 6.60 करोड़ (Q2 FY25) हो गया है, जो लगभग 5.2 गुना की तेजी है. इनके यूनिक कस्टमर्स की 22 लाख से बढ़कर 89 लाख हो गए हैं, जो चार गुना की तेजी है.
अब ब्लिंकिट के ऑपरेशनल एफिशिएंसी की बात करें तो Blinkit अपने डार्क स्टोर्स के जरिए ऑपरेट करता है, जो तेज डिलीवरी सुनिश्चित करने में मदद करता है. दो सालों में Blinkit ने अपने डार्क स्टोर्स की संख्या 409 से बढ़ाकर 791 कर दी है जो लगभग 2 गुना तेजी है. साथ ही, हर महीने डिलीवरी राइडर्स की संख्या में भी सालभर के अंदर 3.3 गुना की तेजी दर्ज की है.
किराना स्टोर्स पर प्रभाव
क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Blinkit ने किराना स्टोर्स के लिए चुनौतियां खड़ी कर रखी हैं:
लगभग 46% क्विक कॉमर्स यूजर्स ने किराना शॉप्स से खरीदारी कम कर दी है.
82% से ज्यादा यूजर्स ने अपनी किराने की खरीदारी का कम से कम 25% हिस्सा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर शिफ्ट कर दिया है. इससे 2024 तक किराना स्टोर्स को 1.28 अरब डॉलर की बिक्री का नुकसान हो सकता है.
क्विक कॉमर्स अब केवल टॉप-अप खरीदारी के लिए नहीं है, बल्कि रेगुलर ग्रॉसरी शॉपिंग का पसंदीदा तरीका बनता जा रहा है.
75% ऑनलाइन खरीदारों ने बताया कि Blinkit जैसे प्लेटफॉर्म्स की सुविधा के कारण बिना प्लानिंग के होने वाली खरीदारी बढ़ गई है.
आने वाले समय में ग्रॉसरी बाजार में किराना की हिस्सेदारी 4% तक घट सकती है
नीचे दी गई तस्वीर के आंकड़े बताते हैं कि सालाना और तिमाही आधार पर ब्लिंकिट की ग्रोथ तेजी से हो रही है. बाकी रिलायंस रिटेल, Dmart, स्पेंसर रिटेल की हालत पतली होती जा रही है.
Blinkit के रेवेन्यू मॉडल की बात करें तो ये डिलीवरी फीस, प्लेटफॉर्म फीस, और ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू जैसे कई सोर्स से अपनी कमाई बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. मार्केट ट्रेंड्स बताते हैं कि भारत का ग्रॉसरी मार्केट शहरीकरण और बढ़ती इनकम के कारण तेजी से बढ़ने वाला है. क्विक कॉमर्स इस मार्केट का बड़ा हिस्सा कब्जा कर सकता है.
क्विक कॉमर्स का बाजार 2030 तक लगभग 40 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, ये आज के मुकाबले 46% की तेजी को दर्शाता है. इससे ब्लिंकिट को ज्यादा फायदा हो सकता है.