Blinkit, Zepto, Bigbasket में कहां मिल रहा है सस्ता प्रोडक्ट, ये 2 ऐप एक क्लिक पर देंगे सारी डिटेल

क्विक कॉमर्स में कीमतों की तुलना करना अब आसान हो गया है. प्राइस कंपेरिजन ऐप्स (ShopSwiftly, Quick Compare) से ग्राहक अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर बेस्ट डील पा सकते हैं. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है. यह ट्रेंड क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को ट्रांसपेरेंट प्राइसिंग अपनाने पर मजबूर कर सकता है, जिससे यह सिर्फ फास्ट नहीं बल्कि किफायती भी बनेगा.

क्विक कॉमर्स में कीमतों की तुलना करना अब आसान हो गया है. Image Credit: Swiftly

Quick Compare app: क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म की वजह से आज लगभग हर चीज बिना दुकान गए खरीदी जा सकती है. इस सर्विस का तेजी से विस्तार हो रहा है, लेकिन कई ऑप्शन होने के कारण कस्टमर्स को ऑर्डर करने से पहले अलग-अलग प्लेटफॉर्म जैसे Blinkit, Zepto, Swiggy Instamart, Big Basket पर कीमत, डिस्काउंट और डिलीवरी टाइम चेक करना पड़ता है. इससे न केवल समय लगता है, बल्कि कई बार ज्यादा पैसे भी खर्च हो जाते हैं. लेकिन अब यह परेशानी खत्म हो गई है क्योंकि मार्केट में ShopSwiftly और Quick Compare जैसे प्राइस कंपेरिजन ऐप्स आ गए हैं. इनका इस्तेमाल करके आप एक ही जगह पर सबसे सस्ते डील्स की जानकारी पा सकते हैं और आसानी से सही प्लेटफॉर्म चुन सकते हैं.

ऐसे करें कीमत की तुलना

Google Playstore से ShopSwiftly और Quick Compare में से कोई भी ऐप डाउनलोड करें. डाउनलोड हो जाने के बाद, ऐप में अपने मनचाहे प्रोडक्ट का नाम डालें और उसकी तुलना करें. अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर कीमत दिखाई जाएगी और आप अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं.

क्या फायदा होगा

प्राइस तुलना करने वाले ऐप्स काफी पहले से मौजूद हैं, लेकिन अब वे क्विक कॉमर्स में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. बिजनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्विक कॉमर्स में स्पीड और भरोसेमंद सर्विस के बाद कीमत सबसे बड़ा फैक्टर बन सकता है. ग्राहक एक ऐप से दूसरे ऐप पर स्विच करते रहेंगे, जिससे कंपनियों को ग्राहकों की लॉयल्टी बनाए रखना मुश्किल होगा. हो सकता है कि भविष्य में बड़े प्लेटफॉर्म्स इन तुलना करने वाले ऐप्स को खरीद लें.

अन्य सर्विस भी जुड़ेगी

ई-कॉमर्स, ट्रैवल और राइड-हेलिंग इंडस्ट्री में प्राइस तुलना प्लेटफॉर्म्स ने बड़ा बदलाव किया है. वैसे ही ये क्विक कॉमर्स में भी जरूरी बन सकते है. आने वाले समय में ये ऐप्स सिर्फ कीमत तुलना नहीं करेंगे, बल्कि AI-बेस्ड प्राइस प्रेडिक्शन, पर्सनलाइज्ड डील अलर्ट और प्रीमियम सब्सक्रिप्शन जैसी सुविधाएं भी देंगे.

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क्विक कॉमर्स पर बढ़ेगा दबाव

इस बदलाव से क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर दबाव बढ़ सकता है कि वे अपनी प्राइसिंग पॉलिसी ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाएं और ग्राहकों को लोकेशन या स्टॉक के आधार पर ज्यादा कीमत न चुकानी पड़े. एक्सपर्ट को उम्मीद है कि प्राइस कंपेरिजन एप के वजह ग्राहक बेहतर डील पा सकेंगे और कंपनियों को अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ेगी.